विष्णुपुरी कोयला खदान में लगी आग, फैली जहरीली गैस शुक्रवार को रेस्क्यू टीम पहुंची, खदान के अंदर नहीं गए कामगार
मध्य प्रदेश विष्णुपुरी कोयला खदान में लगी आग, फैली जहरीली गैस शुक्रवार को रेस्क्यू टीम पहुंची, खदान के अंदर नहीं गए कामगार
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/परासिया। पेंचक्षेत्र की विष्णुपुरी खदान नंबर दो के डिप्लेरिंग एरिया में आग लगने और जहरीली गैस कार्बन मोनो ऑक्साइड फैलने से खदान के भविष्य को लेकर प्रश्नचिन्ह उत्पन्न हो गया है। कोयला खदान के अंदर वन-सी सेक्सन से धुआं उठता दिखाई दिया, उस सेक्सन से आवश्यक सामग्री हटाकर उसे सील कर दिया गया। शुक्रवार को खदान के अंदर कोई भी कामगार नहीं गया, हालांकि रेस्क्यू टीम ने जाकर खदान की स्थिति का जायजा लिया।
विष्णुपुरी खदान में बुधवार- गुरुवार की दरमियान रात डिप्लेरिंग सेक्सन में धुआं उठाता दिखाई दिया। गुरुवार को फस्र्ट शिफ्ट में खदान पहुंचे कामगारों से डिप्लेरिंग सेक्सन से आवश्यक सामग्री हटवाने और स्टेफन बनाने का काम होता रहा। वहीं शुक्रवार को माइंस रेस्क्यू टीम परासिया ने खदान के अंदर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। वहीं दोनों शिफ्ट में कोई कामगार खदान के अंदर नहीं गया।
वेकोलि डीटी पहुंचे विष्णुपुरी खदान
वेकोलि के डायरेक्टर ऑफ तकनीक एके सिंह शुक्रवार को विष्णुपुरी खदान पहुंचे। उन्होंने पेंचक्षेत्र महाप्रबंधक निर्मल कुमार सहित अन्य अधिकारियों से खदान की स्थिति पर चर्चा कर की और प्रोडेक्शन एरिया से कोयला निकालने की संभावना पर दिशा निर्देश दिए।
यह है स्थिति
विष्णुपुरी खदान में 4३८ कामगार कार्यरत हैं। यहां तीन शिफ्ट में लगभग 3 सौ टन प्रतिदिन कोयला उत्पादन होता है। यहां कोयला प्रोडेक्शन एरिया 4-ए और डिप्लेरिंग एरिया वन-सी से निकलता है। आग लगने से डिप्लेरिंग एरिया में लगभग 6 हजार टन कोयला छूट गया है। डिप्लेरिंग एरिया सील होने से अब उत्पादन 50 फीसदी घटने की आशंका है।
यूजीसी को बंद कर ओसीएम चलाने बनी है योजना
विष्णुपुरी भूमिगत कोयला खदान- यूजीएम नंबर एक और दो आसपास में ही मौजूद है। खदान नंबर एक लगभग पांच साल पहले बंद हो चुकी है। वहीं खदान नंबर दो को बंद करने लगभग चार साल से कवायद जारी है। विष्णुपुरी खदान नंबर एक और दो का कोयला निकालने ओपन कास्ट माइंस- ओसीएम चलाने की योजना बना चुकी है, जिसको लेकर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई भी जारी है। विष्णुपुरी खदान नंबर दो में आग लगने और जहरीली गैस कार्बन मोनो ऑक्साइड का रिसाव होने से उसके भविष्य को लेकर प्रश्न उत्पन्न हो गया है।
इनका कहना है
आग और गैस प्रभावित डिप्लेरिंग सेक्सन को सील कर दिया गया है। उच्च प्रबंधन के निर्देश पर अगली कार्रवाई होगी।