विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों को पूर्व कुलपतियों का समर्थन; शासन से न्यायोचित मांगों को मानने की अपील
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व कुलपतियों के फोरम (फोरम ऑफ एक्स-वाईस चांसलर) ने प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में शिक्षक/अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा मांगों के संबंध में किये जा रहे चरणबद्ध आंदोलन का समर्थन किया व मध्यप्रदेश शासन से निवेदन किया है कि इनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सातवें वेतनमान से पेंशन देने एवं छठे वेतनमान से प्रदाय पेंशनधारियों को राज्य शासन के अनुरूप ही महंगाई भत्ता प्रदान किया जाए। फोरम ने कहा है कि यह आश्चर्य की बात है कि सातवें वेतनमान में सेवानिवृत्त अधिकारियों,कर्मचारियों एवं शिक्षकों को छठवें में वेतनमान के आधार पर पेंशन दी जा रही है जो कि यह न तो न्यायोचित है और न ही तर्कसंगत है।
पूर्व कुलपति फोरम के महासचिव डॉ. कमलाकर सिंह ने बताया है कि विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/अधिकारी एवं कर्मचारियों की मांगों को न्यायोचित बताते हुए डॉ. भरत छपरवाल, पूर्व कुलपति देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर, प्रो.आई.एस. चौहान, पूर्व कुलपति, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉ. जयंत सोनवलकर, पूर्व कुलपति, मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल, प्रो0 एम0के0 श्रीवास्तव, राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा, प्रो0 पी0के0 मिश्रा, पूर्व कुलपति, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर, डॉ. संतोष कुमार, पूर्व कुलपति, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, डॉ. ए.डी.एन. वाजपेयी, पूर्व कुलपति, ए.पी.एस. विश्वविद्यालय, रीवा, डॉ. प्रियव्रत शुक्ला, पूर्व कुलपति, महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय, छतरपुर तथा प्रो. व्ही. के. सक्सेना, पूर्व कुलपति, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर सहित अन्य सदस्यों ने भी समर्थन किया है।