आदिवासी दशमत सोनई रावत पर अपमान: मध्यप्रदेश की न्यायपूर्णता पर सवाल -चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सीधी में आदिवासी दशमत सोनई रावत पर पेशाब करने वाले प्रवेश शुक्ला जो चाल, चरित्र, चेहरा गढ़ने वाली कक्षा से उत्तीर्ण है का वीडियो देखा। मध्यप्रदेश के पूर्व राजनेताओं, शासकों ने संविधान की मंशानुसार सामाजिक समानता को पवित्र ऊँचाई पर स्थापित किया।
यह विदित है कि मध्यप्रदेश के पूर्वज मूल आदिवासी ही हैं। आप लगभग विगत 18 वर्षों से राज्य की जनता से चुने हुए एवं निर्वाचन में जनता के आशीर्वाद ना पाने पर भी मुख्यमंत्री तो हैं ही, आपके नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री को थप्पड़ मारते, नगर निगम अधिकारी को विधायक बैट से मारते हैं। आप ने कहा अपराधी को जमीन के 10 फुट नीचे गाढ़ देंगे, नौजवानों को माई के लाल वाली बात भी आपने ही कही थी।
संविधान की मंशानुसार अटल जी ने गुजरात की घटना पर राजधर्म पालन करने की नसीहत दी थी, जो नहीं मानी गई। सीधी की घटना से मध्यप्रदेश की पूर्वजों द्वारा निर्मित प्रतिष्ठा को देश ही नहीं विदेश तक में खराब कर दिया है - तनिक भी संवेदनशीलता रह गई हो तो त्याग पत्र दे कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें।