भोपाल: आयुक्त सिंह ने कहा, जानकारी को रोकने का आधार लोकायुक्त को आयोग को बताना होगा
राहुल सिंह ने मांगा स्पष्टीकरण नही दे पाये लोकायुक्त एसपी जबलपुर दिलीप झरबड़े
डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकायुक्त पुलिस जबलपुर ने आरटीआई आवेदक कामता प्रसाद को जानकारी देने से मना करने पर लोक सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने स्पष्टीकरण मांगा था जिसे लोकायुक्त एसपी जबलपुर दिलीप झरबड़े नहीं दे पाये।
दरअसल आरटीआई आवेदक कामता प्रसाद मिश्रा पुलिस विभाग में कार्यरत हैं और इन्हे लोकायुक्त पुलिस ने एक भ्रष्टाचार के मामले में ट्रैप किया था। इस प्रकरण में जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की ओर से एडीजी लोकायुक्त को केस स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी और एक पत्र भेजा गया। कामता प्रसाद मिश्रा ने इसकी जानकारी को लेने के लिए आरटीआई आवेदन जबलपुर लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में लगाया था।
लोकायुक्त विभाग के एसपी जबलपुर दिलीप झरबड़े द्वारा इस प्रकरण में यह कहते हुए जानकारी देने से मना कर दिया कि जानकारी देने से लोकायुक्त पुलिस को सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 24 के तहत छूट प्राप्त है। वहीं पुलिस ने यह भी कहा कि जानकारी देने से जांच और अभियोजन प्रभावित होगा। साथ ही पुलिस ने जानकारी बाहर आने से शारीरिक हानि का भी खतरा बताते हुए भी जानकारी देने से मना कर दिया था।
मामले में आयुक्त सिंहे ने लोकायुक्त एसपी से पूछा कि ऐसी कौन सी जानकारी है जो बाहर आने से इस प्रकरण में किसी व्यक्ति को शारीरिक हानि हो जाएगी तो इस बारे में भी एसपी कोई जानकारी नहीं दे पाए। सिंह ने यह भी कहा अगर लोकायुक्त पुलिस मात्र धारा 24 के तहत जानकारी देने से छूट ली होती तो छूट मिल सकती थी लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने जानकारी रोकने के लिए धारा 8 को आधार बनाया और धारा 8 में जानकारी रोकने के प्रावधान के साथ जानकारी देने के भी प्रावधानों का जिक्र है। सिंह ने स्पष्ट किया सिर्फ जानकारी के रोकने के प्रावधान की धारा लिख देने से ही जानकारी को नहीं रोका जा सकता है जानकारी को रोकने का स्पष्ट आधार लोक सूचना अधिकारी को आयोग को बताना होगा।
आयोग में बंद कमरे में हुई सुनवाई
आरटीआई आवेदन में मांगी गई जानकारी के बाहर आने से जांच या अभियोजन प्रभावित कैसे होगी, इस पर एसपी लोकायुक्त दिलीप झरबड़े का पक्ष जानने के लिये सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने दिलीप झरबडे को अलग से सुनवाई का मौका दिया।