मध्यप्रदेश: 'भूख और प्यास से तड़प-तड़पकर दम तोड़ रही गौमाता....', कांग्रेस नेता का सीएम मोहन यादव के नाम पत्र

  • कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा का सीएम मोहन यादव के नाम पत्र
  • गौवंश की दुर्दशा का किया जिक्र
  • गाय को राज्यमाता का दर्जा दिये जाने की मांग की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 17:43 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता संगीता शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने प्रदेश में गौवंश की दुर्दशा होने की बात कही है। साथ सीएम डॉ. यादव से इस पर जरुरी कदम उठाने की अपील की है।

संगीता ने अपने पत्र में लिखा, 'माननीय डॉ मोहन यादव जी, आप गौ प्रेमी हैं। आपने गौमाता के हित के लिए कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं की हैं। इसी संदर्भ में मैं यह पत्र आपको लिख रही हूं। मुख्यमंत्री जी वर्तमान समय में मध्यप्रदेश में गौमाता की जो दुर्दशा है उससे आप वाकिफ जरूर होंगे। हर रोज सड़कों पर गाएं बड़े वाहनों से कुचल कर मर रही हैं। इन दुर्घटना में ज़ख़्मी गौवंश को तो इलाज तक नहीं मिल रहा है।आपकी सरकार का दावा है कि प्रदेश की गौशालों में चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। लेकिन, हकीकत यह है कि सरकारी और सरकार द्वारा पोषित गौशालाओं में गाएं भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही हैं।'

'कथित गौ सेवक डकार रहे सहायता राशि'

उन्होंने आगे कहा, आपकी सरकार गौ संरक्षण और गौ संवर्धन के लिए बड़े बड़े कदम उठाने का दावा भी लगातार कर रही है। हो सकता है कि सरकारी कागजों में यह काम जोरों शोरों से चल रहा हो! लेकिन वास्तव में गाय भूखी की भूखी हैं। उसे न चारा मिल रहा है और न पानी। सरकार द्वारा दी जा रही सहायता कथित गौ सेवक डकार जा रहे हैं।

'गौमाता को मिले राज्यमाता का दर्जा'

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने लिखा, 'गौमाता की रक्षा के लिए देश के चारों पीठ के शंकराचार्य भी सक्रिय हैं। उन्होंने गौमाता को राज्यमाता का दर्जा देने की भी मांग सरकार से की है। शंकराचार्य श्री 1008 अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज गत 08 अक्टूबर 2024 को राजधानी आए थे। उन्होंने गौमाता को राज्यमाता घोषित करने एवं गाय को पशु सूची से हटाने का सरकार से आग्रह किया गया था। उनके संरक्षण में गौमाता को राज्य माता घोषित करने का एक संकल्प पारित किया गया था। इसके बाद भी माननीय मुख्यमंत्री जी आज तक आपके द्वारा उक्त संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।'

मैं इस पत्र के माध्यम से प्रदेश में गायों की दुर्दशा की ओर आपका ध्यान आकर्षित कर रही हूँ। आपसे करबद्ध आग्रह है कि जल्द से जल्द गौमाता को राज्यमाता का दर्जा देने एवं पशु सूची से उनका नाम हटाने की कृपा करें।

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