मध्यप्रदेश: 'प्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य के बदलाव में मील का पत्थर साबित होगा', बजट पर बोले स्कूल शिक्षा मंत्री
- मोहन सरकार का पहला बजट पेश
- पौन चार लाख करोड़ का है बजट
- प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिये 11 हजार 485 करोड़ रूपये का प्रावधान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य में बदलाव की दिशा में बजट 2024-25 मील का पत्थर साबित होगा। हमारे प्रदेश के सभी बच्चे खूब पढें-लिखें, आगे बढ़ें, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण लेकर रोजगार मांगने वाले नहीं, वरन रोजगार देने वाले बनें, इस दिशा में बजट 2024-25 में व्यापक प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट में जो अभूतपूर्व प्रावधान किये गये हैं, उसके अप्रत्याशित सकारात्मक परिणाम सभी को शीघ्र ही दिखाई देंगे।
बजट में प्रदेश के सभी श्रेणियों के शैक्षणिक संस्थानों के विकास, अध्यापकों व अन्य मानव संसाधन की पदपूर्ति, सीएम राइज स्कूलों के निर्माण एवं विकास सहित अन्य सभी जरूरी आवश्यकताओं के लिये समुचित धनराशि का प्रावधान किया गया है। इससे हमारे विद्यार्थियों एवं अध्यापकों, दोनों को स्कूलों में एक सकारात्मक एवं उत्साहवर्धक वातावरण उपलब्ध होगा। सकारात्मक वातावरण से ही विद्यार्थी अपने शैक्षणिक परिणाम में अव्वल आयेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने सभी स्कूलों को साधन संपन्न बनाने के लिये हर जरूरी सुविधाओं का ध्यान रखा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में सीएम राइज स्कूलों की स्थापना की जा रही है। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की तरह अच्छी शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार का लक्ष्य है और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिये हम तेजी से आगे बढ़ रहे है।
बजट 2024-25 में स्कूल शिक्षा विभाग के लिये किये गये उल्लेखनीय बजट प्रावधान:-
- सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिये 11 हजार 485 करोड़ रूपये का प्रावधान
- माध्यमिक शालायें के लिये 6 हजार 705 करोड़ रूपये का प्रावधान
- समग्र शिक्षा अभियान के लिये 5 हजार 100 करोड़ रूपये का प्रावधान शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी शालायें के लिये 3 हजार 389 करोड़ रूपये का प्रावधान
- सी. एम. राइज के लिये 2 हजार 738 करोड़ रूपये का प्रावधान
- अतिथि शिक्षकों का मानदेय के लिये 933 करोड़ रूपये का प्रावधान
- आर.टी.ई. के तहत अशासकीय विद्यालयों को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिये 500 करोड़ रूपये का प्रावधान
- साइकिलों का प्रदाय के लिये 310 करोड़ रूपये का प्रावधान
- पंचायती राज संस्थाओ के अध्यापक तथा संविदा शाला शिक्षकों को वेतन/मानदेय के लिये 279 करोड़ रूपये का प्रावधान
- विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण के लिये 228 करोड़ रूपये का प्रावधान
- पी.एम.श्री के लिये 225 करोड़ रूपये का प्रावधान
- स्टार्स परियोजना के लिये 168 करोड़ रूपये का प्रावधान शासकीय स्कूल/छात्रावास/पुस्तकालय/आवासीय खेलकूद भवनों का निर्माण एवं विस्तार के लिये 151 करोड़ रूपये का प्रावधान
- अशासकीय शालाओं को अनुदान के लिये 125 करोड़ रूपये का प्रावधान
- निःशुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय के लिये 124 करोड़ रूपये का प्रावधान
- जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्थापना के लिये 114 करोड़ रूपये का प्रावधान
- विकास खण्ड स्तर कार्यालय की स्थापना मूलभूत न्यूनतम सेवाओं के लिए के लिये 113 करोड़ रूपये का प्रावधान जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था मूलभूत न्यूनतम सेवाओं के लिए के लिये 104 करोड़ रूपये का प्रावधान
- शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन एवं संधारण के लिये 100 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।