किर्गिस्तान हिंसा: राजधानी बिश्केक में फंसे मध्यप्रदेश के सैकड़ों छात्र, सीएम डॉ. मोहन यादव ने फोन पर की बात, मदद का दिया आश्वासन
- सीएम डॉ. मोहन यादव ने किर्गिस्तान में फंसे छात्रों से की बात
- छात्रों को दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
- अंतराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बना रहे हैं किर्गी छात्र
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इन दिनों किर्गिस्तान में स्थानीय और विदेशी छात्रों के बीच की लड़ाई सुर्खियों में बनी हुई है। भीड़ द्वारा विदेशी खासकर दक्षिण एशियाई छात्रों को निशाना बनाने की खबरों के बाद केंद्र सरकार ने भारतीय छात्रों को एडवाइजरी जारी कर उन्हें घर पर रहने के लिए कहा है। किर्गिस्तान में भारत के 23 हजार स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 1200 स्टूडेंट्स मध्यप्रदेश के भी हैं। ऐसे में सीएम डॉ. मोहन यादव ने उनसे फोन पर बात की।
वीडियो कॉल के जरिए की बात
सीएम डॉ. मोहन यादव ने राज्य के तीन छात्र विवेक शर्मा, रोहित पांचाल और रवि सराठे से वीडियो कॉल पर बात की और वहां की स्थिति का जायजा लिया, साथ ही उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। सीएम ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "मेरी जानकारी में लाया गया कि किर्गिज़स्तान में जो बच्चें मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं, वहां पाकिस्तान के लोगों का स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा हुआ और उसमें पाकिस्तान के बच्चें घायल हुए हैं। मैंने अभी वहां (भारत के) बच्चों से बातचीत की है। वे सभी सुरक्षित हैं। हम किर्गिज़स्तान सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं।"
सीएम डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा, यह निर्णय किया गया है कि बच्चों को उनकी परीक्षा के बाद ही वापस बुलाया जाएगा। जिससे उनके पूरे साल का नुकसान न हो। उनकी जिंदगी का भी सवाल है, इसलिए वहां के प्रशासन से बात की है कि हर हाल में परीक्षा सही समय से करा दी जाए और उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। आशा करते हैं कि वहां के हालात जल्द से जल्द सामान्य हो जाएंगे। सीएम ने बताया कि वो बच्चों के परिजनों के साथ भी संपर्क में हैं।
क्यों भड़की हिंसा?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा की शुरूआत 13 मई से हुई। जब मिस्त्र के कुछ छात्रों का झगड़ा स्थानीय छात्रों से हो गया। दोनों गुटों के बीच हुई झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद 16 मई को वहां अंतराष्ट्रीय छात्रों पर हमले होना शुरू हो गए और दिन ब दिन स्थिति बिगड़ती चली गई। स्थानीय छात्र गुटों ने वहां की मेडिकल यूनिवर्सिटी की हॉस्टलों पर हमले करने शुरू कर दिये, जिनमें विदेशी खासकर दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के छात्र रहते हैं।