वारदात: छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कराने 100 किमी चलने विवश, इस तरह की परेशानी दूर करने जिले में महिला पुलिस अधिकारियों की दरकार
- महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है
- कार्य सब इंस्पेक्टर स्तर की महिला अधिकारियों को करना है
- जिला मुख्यालय बुलाकर एफआईआर दर्ज कराई जाती है
डिजिटल डेस्क, शहडोल। महिला संबंधी अपराधों की रिपोर्ट और विवेचना के लिए जिले में महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। यदि जिले के दूरांचल इलाकों में कोई घटना होती है तो पीडि़तों को जिला मुख्यालय आना पड़ता है। ताजा घटनाक्रम में शुक्रवार को जिले के सीमावर्ती थाना सीधी क्षेत्र में कक्षा आठवीं की छात्रा को अपने साथ ही हुई छेडख़ानी की रिपोर्ट दर्ज कराने 100 किलोमीटर का सफर तय करते हुए जिला मुख्यालय स्थित महिला थाना आना पड़ा। ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं, जब पीडि़तों को जिला मुख्यालय आना पड़ता है। इस समस्या को लेकर स्थानीय स्तर से पुलिस मुख्यालय को अवगत कराया गया है।
आधी आबादी के बीच 3 अधिकारी
कानूनी बाध्यता के अनुसार महिला संबंधी अपराधों को सुनने व रिपार्ट दर्ज करने से लेकर विवेचना तक का कार्य सब इंस्पेक्टर स्तर की महिला अधिकारियों को करना है। बताया जा रहा है कि जिले में मात्र तीन महिला पुलिस अधिकारी एक इंस्पेंक्टर तथा दो सब इंस्पेक्टर ही पदस्थ हैं। वर्तमान समय पर एक दो अधिकारी किन्हीं वजहों से अवकाश पर चल रहे होते हैं। जिले के किसी थाने में एसआई स्तर की महिला अधिकारी नहीं हैं। जिसके कारण पीडि़तों को जिला मुख्यालय ही बुलाना पड़ता है।
छेड़छाड़ के दोनों आरोपी गिरफ्तार
सीधी थाना क्षेत्र में स्कूल से घर लौट रही 13 वर्षीय छात्रा के साथ छेडख़ानी करने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में एक 17 वर्ष एवं दूसरा 18 वर्ष का है। जानकारी के अनुसार आरोपियो ंने छात्रा को कमेंट किया और जाने लगी तो उसका दुपट्टा खींचा। डरी सहमी छात्रा ने घर पहुंचकर मां को घटना के बारे में बताया। छात्रा अपनी मां के साथ सीधी थाने पहुंची, लेकिन महिला अधिकारी न होने के कारण जिला मुख्यालय स्थित महिला थाने भेजा गया। जहां आरोपियों पर छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट का अपराध दर्ज किया गया।
आरोपियों को पकड़ लिया गया है। जहां महिला पुलिस अधिकारी नहीं हैं वहां के मामलों को कानूनी बाध्यताओं के चलते जिला मुख्यालय बुलाकर एफआईआर दर्ज कराई जाती है।
कुमार प्रतीक, एसपी शहडोल