मप्र: अच्छी आमदनी के लिये किसान डी.पी. शर्मा कर रहे हैं वीएनआर अमरूद की खेती
- किसान ने परंपरागत खेती को छोड़ बागवानी शुरू की
- डी.पी. शर्मा ने वीएनआर अमरूद का बगीचा लगाया
- कृषि विज्ञान केन्द्र और उद्यानिकी विभाग से परामर्श लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों को लगाने के लिए कर रही है प्रोत्साहित। इसके बढ़ते महत्व को देखते हुए कई किसान परम्परागत खेती को छोड़कर बागवानी कर रहे हैं। ऐसे ही भिण्ड जिले के विकासखण्ड अटेर के ग्राम ऐंतहार के प्रगतिशील किसान श्री डी.पी. शर्मा हैं। उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़ बागवानी शुरू की और वे अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
किसान डी.पी. शर्मा ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र और उद्यानिकी विभाग से परामर्श लेकर उन्होंने वीएनआर अमरूद का बगीचा लगाया, जिसमें 550 पौधे अमरूद, 50 पौधे नींबू, 100 पौधे करौंदा और 11 पौधे कटहल के थे। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग भिण्ड की तरफ से उनके बगीचे में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी लगवाया गया है।
ड्रिप के माध्यम से सभी पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी और खाद दिया जा रहा है। वर्तमान में इन पौधों में फल आने लगे हैं, जिसमें एक फल लगभग 400 ग्राम से लेकर 650 ग्राम तक का अमरूद का उत्पादन होने लगा है।
किसान डी.पी. शर्मा बताते हैं कि धान और गेहूं की खेती में पानी ज्यादा लगता है, जलस्तर को बचाने के लिए बागवानी की तरफ रूझान बढ़ाना जरूरी है। वे मानते हैं कि अमरूद का बागीचा लगाकर अन्य किसान भी अच्छी खासी आमदनी ले सकते हैं। उनका मानना है कि पानी की बचत के मामले में बागवानी खेती सबसे बेहतर विकल्प है।