इतिहास के पन्ने: म.प्र. की विरासत पर आधारित दुर्लभ अभिलेखों/छायाचित्रों की प्रदर्शनी 9 से 15 जून तक
- विश्व अभिलेख दिवस के अवसर पर 9 जून से आयोजन
- एमपी की अभिलेखीय विरासत पर आधारित प्रदर्शनी 'इतिहास के पन्ने' का आयोजन
- भोपाल के राज्य संग्रहालय में आयोजित प्रदर्शनी 15 जून तक रहेगी
डिजिटल डेस्क,भोपाल। विश्व अभिलेख दिवस के अवसर पर 9 जून से मध्यप्रदेश की अभिलेखीय विरासत पर आधारित दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी “इतिहास के पन्ने”(1818-1956) का आयोजन किया जा रहा है। भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित राज्य संग्रहालय में आयोजित प्रदर्शनी 15 जून तक रहेगी।
प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश की भूतपूर्व रियासतों की झलक, तत्कालीन राजनैतिक घटनाओं, प्रशासनिक निर्णयों तथा अन्य विषयों से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश की विभिन्न रियासतों के शासकों के छायाचित्र, मानचित्र, प्रतिक चिन्ह एवं वंशावली इत्यादि भी प्रदर्शित किये जा रहे है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप नये मध्यप्रदेश का निर्माण हुआ। नये मध्यप्रदेश में मध्यभारत, विंध्यप्रदेश, मध्यप्रांत (सेन्ट्रल प्रॉविन्सेस) एवं भोपाल राज्य को मिलाकर नया राज्य मध्यप्रदेश 1 नवम्बर, 1956 को अस्तित्व में आया। भोपाल को मध्यप्रदेश की राजधानी बनाया गया। प्रदर्शनी आम जनता के लिए दिनांक 9 से 15 जून, 2024 समय प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक नि:शुल्क देखी जा सकेगी।