मध्यप्रदेश: जिला अस्पताल के हालात... लैब में स्टाफ का टोटा, ड्राइवर से बंटवा रहे ब्लड जांच रिपोर्ट

  • लैब प्रभारी ने सीएस से की स्टाफ की मांग
  • पैथालॉजी लैब में स्टाफ की कमी परेशानी का कारण बनती जा रही है
  • सिम्स से अभी तक स्टाफ की हो रही कमी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-28 20:13 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल स्थित पैथालॉजी लैब में स्टाफ की कमी परेशानी का कारण बनती जा रही है। लैब के हालात यह है कि स्टाफ न होने से ड्राइवर से ब्लड जांच रिपोर्ट बंटवाई जा रही है। यदि ड्राइवर की शिविर में ड्यूटी लग जाए, तो ब्लड जांच रिपोर्ट देने वाला कोई नहीं होता। इस दौरान ब्लड जांच रिपोर्ट के ढेर में से मरीज या उनके परिजनों को स्वयं रिपोर्ट तलाशनी पड़ती है। लैब में व्यवस्था बनाने पैथालॉजी प्रभारी ने सीएस से स्टाफ की मांग की है। सीएस ने मेडिकल कॉलेज डीन से स्टाफ उपलब्ध कराने पत्राचार किया है, लेकिन सिम्स से अभी तक स्टाफ नहीं मिले है।

औसतन ५०० मरीजों की जांचें हर दिन 

सिम्स से संबद्धता के बाद जिला अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ा है। हर रोज ओपीडी और आईपीडी के लगभग 500 मरीजों की ब्लड व यूरिन जांचें की जाती है। स्टाफ न होने से डाटा एंट्री से लेकर जांच तक प्रभावित हो रही है। जिसकी वजह से मरीजों को समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाती।

अभी ७ टेक्निशियन, जरुरी दोगुनी

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में चार और पैथालॉजी में तीन टेक्निशियन, तीन कम्प्यूटर ऑपेरटर, चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। ब्लड बैंक और पैथालॉजी को चौबीस घंटे संचालित करने दोगुने कर्मचारियों की जरुरत है। ब्लड बैंक अधिकारी का पद भी खाली है।

३० से ४० ब्लड ट्रांसफ्यूजन हर रोज

ब्लड बैंक में भी रोजाना लगभग 30 से 40 ब्लड ट्रांसफ्यूजन होते है। टेक्निशियन की कमी के चलते डोनर व मरीज को परेशान होना पड़ता है। टेक्निशियन बढ़ाने से काम का दबाव कम होगा और मरीजों को राहत मिलेगी।

क्या कहते हैं अधिकारी 

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से चार टेक्निशियन की डिमांड की गई थी, एक टेक्निशियन दिया गया है। अभी उन्होंने भी ज्वाइन नहीं किया है। डीन से चर्चा कर और स्टाफ मांगा जाएगा।

- डॉ.नरेश गुन्नाडे, सीएस, जिला अस्पताल

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