साइबर फ्रॉड: गहने खरीदे और ऑनलाइन भुगतान कर मैसेज दिखाया, मगर व्यापारी के खाते में नहीं आए 99 हजार

  • साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके
  • आमजन से लेकर व्यवसायी तक जालसाजों की ठगी
  • कैमरों के फुटेज खंगालने में लगी पुलिस

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-10 03:55 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना। मध्यप्रदेश के सतना में साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके हर दिन सामने आ रहे हैं, जिनसे बचना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। तमाम एहतियात के बाद भी आमजन से लेकर व्यवसायी तक जालसाजों के हाथों मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सिटी कोतवाली पुलिस के सामने आया, जिसमें दो बदमाशों ने आभूषण व्यापारी को एक लाख की चपत लगा दी।

 

क्या है घटना 

बताया गया है कि बिहारी चौक स्थित गंगा ज्वेलर्स के संचालक गंगा प्रसाद सोनी मंगलवार दोपहर को लगभग 3 बजे दुकान पर ग्राहकों को सोने-चांदी के आभूषण दिखा रहे थे, तभी 20-22 साल के दो युवक उनके पास पहुंचे और सोने की चेन व अंगूठी खरीदने की इच्छा जताई। लगभग आधे घंटे तक अलग-अलग डिजाइन देखने के बाद युवकों ने 10 ग्राम की चेन व 3 ग्राम की अंगूठी पसंद कर ली, जिनकी कुल कीमत 99 हजार बनी। तब एक युवक ने ऑनलाइन भुगतान के लिए कहा, तो गंगा प्रसाद ने काउंटर पर लगे इंडियन बैंक में संचालित करंट एकाउंट के बारकोड को स्कैन करने का इशारा किया, जिस पर एक ठग ने तत्काल प्रक्रिया को पूरा करते हुए खाते से पैसे कट जाने का मैसेज उन्हें दिखाया और आभूषण उठाकर बाइक से निकल गए। लगभग 10 मिनट बाद जब व्यापारी ने खाता चेक किया तो उसमें रकम नहीं आई थी, सिर्फ पेमेंट का मैसेज दिख रहा था। जिसमें राकेश दुबे नामक व्यक्ति के खाते से आरटीजीएस आरईएफ नम्बर 11615252911 से पैसे आने का उल्लेख था। ठगी की बात पता चलते ही पीडि़त ने कोतवाली में शिकायत की तो पुलिस उन्हें लेकर तुरंत स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम पहुंच गई।

टिकुरिया टोला के बाद नहीं मिली लोकेशन 

स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों के अलावा बिहारी चौक से टिकुरिया टोला के बीच लगे कैमरों के फुटेज खंगाले गए, जिसमें दोनों युवक दुकान से बाइक पर चौक बाजार, जयस्तंभ चौक से भैसाखाना, बांसनाका होते हुए टिकुरिया टोला बाइपास की तरफ जाते दिखे, मगर इसके बाद उनकी लोकेशन नहीं मिली। पुलिस ने मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन नम्बर को भी सर्च किया तो वह जाली निकला। अब आभूषण दुकान के सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज से आरोपियों को चिन्हित कर पकडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में साइबर विशेषज्ञों की मानें तो ठगों ने मोबाइल एप का इस्तेमाल किया है, जिसमें खाते से पैसे कटने और प्राप्त होने के फाल्स मैसेज जनरेट हो जाते हैं, लेकिन हकीकत में कोई रकम नहीं मिलती।

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