भारतीय एथलेटिक्स संघ ने 7 अगस्त को किया अमर, हर साल कराए जायेंगे जेवलिन थ्रो टूर्नामेंट्स  

Javelin Throw Day: भारतीय एथलेटिक्स संघ ने 7 अगस्त को किया अमर, हर साल कराए जायेंगे जेवलिन थ्रो टूर्नामेंट्स  

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-10 10:19 GMT
भारतीय एथलेटिक्स संघ ने 7 अगस्त को किया अमर, हर साल कराए जायेंगे जेवलिन थ्रो टूर्नामेंट्स  
हाईलाइट
  • डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर और ललित भनोट को भी सम्मानित किया गया
  • नीरज ने सात अगस्त को गोल्ड मेडल जीतकर रचा था इतिहास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय एथलेटिक्स संघ ने नीरज चोपड़ा की सफलता को यादगार बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। नीरज ने सात अगस्त को गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था और एएफआई ने फैसला किया है कि इस दिन हर साल देश के सभी जिलों में जैवलिन थ्रो के टूर्नामेंट आयोजित किए जाएंगे।

भारतीय एथलेटिक्स संघ ने नीरज चोपड़ा के साथ उन सभी खिलाड़ियों का सम्मान किया, जिन्होंने टोक्यो ओलिंपिक के एथलेटिक्स में अच्छा प्रदर्शन किया। दिल्ली में आयोजित हुए एथलेटिक्स संघ के इस सम्मान कार्यक्रम में डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर, ललित भनोट, गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा और पूर्व एथलीट अंजू बाबी जॉर्ज भी शामिल थीं। इस दौरान हर साल आयोजित होने वाली जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता का ऐलान भी किया गया। 

तो वहीं, नीरज चोपड़ा ने बताया, "नेशनल खेलने के बाद जब मुझे नेशनल कैंप में लिया गया तो उसका फायदा मुझे मिला, क्योंकि पहले हम खुद खाना बनाते थे और कैंप में सब कुछ बेहतर मिलने लगा। उसके बाद सब बदलता चला गया। अच्छी सुविधाएं मिलीं और उसके बाद सब बदल गया।"

ओलिंपिक में जीते गए गोल्ड मेडल के बारे में बताते हुए नीरज ने कहा, "जब मैंने गोल्ड जीता तो लगता था कि मैंने ये कैसे कर दिया। विश्वास नहीं होता था। फिर मैं अपना गोल्ड मेडल देखता था तो खुद से कहता था ये तो मेरे पास ही है।" उन्होंने आगे कहा, "अब हमारा लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप का पदक जीतने का है, जो हमारे लिए एथलेटिक्स में अंजू बाबी जार्ज ने जीता है। एक पदक जीतने के बाद रुकना नहीं चाहिए। मैं अब और पदक जीतने की कोशिश करूंगा।"

इवेंट के दौरान अपने आखिरी थ्रो को लेकर नीरज ने कहा, "शुरुआत में दो थ्रो बहुत अच्छे गए। फिर बीच में कई थ्रो खराब गए। आखिर वाले थ्रो से पहले मुझे पता था कि मैं स्वर्ण जीत चुका हूं। ऐसे मैं बहुत तल्लीन रहता था, लेकिन उस थ्रो से पहले मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और बस मैंने थ्रो फेंक दिया, लेकिन वह थ्रो अच्छा गया।"

उन्होंने आगे बताया , "कोच हान के साथ जितना काम किया, उनका मैं आदर करता हूं। हालांकि, उनकी तकनीक से बेहतर मुझे कोच क्लाज की तकनीक लग रही थी, इसलिए मैंने क्लाज के साथ ट्रेनिंग करने का फैसला लिया। वह बहुत अनुभवी हैं, जिसका मुझे फायदा मिला।" वहीं, डोप टेस्ट को लेकर उन्होंने बताया, "डोप टेस्ट तो होता ही है। जब स्वीडन से टोक्यो गए तो लगातार सुबह तीन दिन जल्दी डोप टेस्ट लिया गया तो उससे थोड़ा परेशानी हुई। बाद में नींद लेकर मैं इसकी रिकवरी करता था।"

90 मीटर भाला फेंकने के लक्ष्य को लेकर नीरज ने कहा, "मेरी 90 मीटर थ्रो फेंकने की तैयारी इस बार थी। जेवलिन थोड़ी टेक्निकल है। मैं इसके आसपास था। इस बार सोच रहा था कि कर दूंगा। 90 मीटर थ्रो फेंकना मेरा सपना है, जिसे मैं जरूर पूरा करूंगा।" जेवलिन थ्रो डे को लेकर उन्होंने कहा, "7 अगस्त को एथलेटिक्स फेडरेशन जेवलिन थ्रो डे मनाएगी। यह ऐतिहासिक है कि संघ ने मेरी उपलब्धि को याद करने के लिए ये तरीका अपनाया। मैं बेहद खुश हूं।"

Tags:    

Similar News