दिल्ली सियासत: सुनीता केजरीवाल ने क्यों लिया वीआरएस? अब सरकार की ओर से मिलती है यह सुविधाएं, जानें क्या कहते हैं नियम
- सुनीता केजरीवाल रह चुकी हैं आईआरएस
- सुनीता केजरीवाल ने आप को स्पोर्ट करने के लिए लिया VRS
- सुनीता केजरीवाल संभाल सकती हैं दिल्ली सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनके जेल से बाहर आने की संभव अभी काफी कम लग रही है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि उनकी सरकार कौन चलाएगा? हाल ही में इस मुद्दे को लेकर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम सामने आ रहा था। बता दें कि, सुनीता केजरीवाल एक आईआरएस अफसर रह चुकी हैं। बाद में उन्होंने अपने पद का इस्तीफा दे दिया था। अपने पद को छोड़ने के लिए सुनीता केजरीवाल ने वीआरएस लिया था। लेकिन क्या आपको पता है कि यह वीआरएस क्या है? वीआरएस लेने के बाद सुनीता केजरीवाल को सरकार की तरफ से कैसी सुविधाएं मिलती हैं? आइए आपको बताते हैं...
क्यों छोड़ा पद?
सुनीता केजरीवाल एक आईआरएस अफसर रह चुकी हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी का समर्थन करने के लिए उनको यह पद छोड़ना पड़ा था। क्योंकि, सरकारी कर्मचारी के होते हुए कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी पार्टी का प्रचार या सरकार का विरोध नहीं कर सकता है। फिर उन्होंने 2016 में वीआरएस लिया और आईआरएस पद का त्याग कर दिया था।
वीआरएस क्या है?
वीआरएस अर्थात (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) आसान भाषा में कहें तो प्री-मेच्योर रिटायरमेंट। इसके तहत सरकारी कर्मचारी 30 या 20 साल नौकरी करने के बाद प्री-मेच्योर रिटायरमेंट ले सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को पीएफ, ग्रेच्युटी और कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक वेतन मिलता है। यह पेंशन उनको Appendix 10 of CCS (Pension) रूल के चैप्टर छह के मुताबिक पेंशन रूल 44 के तहत दी जाती है।
इस दैरान कर्मचारी 'ऑफ ड्यूटी' हो जाता है और रेलवे, एयरप्लेन, बस आदि में टिकट पर मिलने वाली छूट बंद कर दी जाती है। और अगर वह वीआरएस के बाद सर्विस में जाता है तो उसको भत्ता नहीं दिया जाता है।
सरकार की तरफ से कैसी सुविधाएं?
पद पर रहने के दौरान सुनिता केजरीवाल को वह सुविधांए मिलती थी जो एक आईआरएस अधिकारी को मिलती हैं। लेकिन वीआरएस लेने के बाद सिक्योरिटी, बंगला, सैलरी जैसी सुविधाएं बंद कर दी गई। अब सरकार की तरफ से उनको सिर्फ पेंशन मिलती है। इसके साथ ही वीआरएस के बाद 5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स मुक्त है।