राज्यसभा चुनाव 2024: कौन है सपा को बड़ा झटका देने वाले राजा भैया, राज्यसभा में बड़ा दांव कर एनडीए के साथ पक्का किया गठबंधन!

  • इस साल होने है राज्यसभा चुनाव
  • एनडीए के साथ राज्यसभा चुनाव लड़ेंगी जनसत्ता पार्टी दल (जेडीएल)
  • राजा भैया के दावं से बढ़ सकती है सपा की मुश्किलें

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-26 13:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में आगामी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ राज्यसभा चुनाव को लेकर भी राजनीतिक दल कमर कसते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसे लेकर उत्तरप्रदेश में अभी से पार्टियों के बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। इस कड़ी में सोमवार को यूपी की जनसत्ता पार्टी दल (जेडीएल) के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव को लेकर अपना रूख साफ कर दिया है। दरअसल, कुछ अरसे पहले से उनके और पार्टी के अन्य विधायकों के समाजवादी पार्टी (सपा) में जाने की खबरें थीं । जिसके लिए उनकी सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल से मुलाकात भी हो चुकी थी। हालांकि, अब राजा भैया ने इन सभी अटकलों से पर्दा उठाते हुए कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ ही राज्यसभा चुनाव लड़ेगी। इसके बाद आठवें राज्यसभा सदस्य के लिए यूपी से एनडीए की राह आसान हो गई है।

राज्यसभा चुनाव होने की तारीख समाने आने के बाद उत्तप्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। प्रदेश की सभी पार्टी इसकी तैयारी में जोरों-शोरों के साथ जुट गई हैं। सपा और भाजपा अपनी पार्टी में संख्या बल के आधार पर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर उम्मदीवार उतार रही है। माना जा रहा है कि राज्य की इन सीटों में से सपा को दो और बीजेपी को 7 दावेदारों की जीत में कोई कठिनाई नहीं होगी। हालांकि, सपा 3 और बीजेपी 8वीं सीट पर अपने-अपने प्रत्याशियों की जिताने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस वजह से प्रदेश की हर एक सीट पर हर एक वोट काफी मायने रखता है। यही कारण है कि जनसत्त दल (लोखतांत्रिक) पर सपा और बीजेपी नजर जमाए हुए थी।

अटकलों का बाजार हुआ गर्म

उधर, राज्यसभा चुनाव को लेकर राजा भैया के आवास पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की मुलाकात से अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। लेकिन, इसके ठीक अगले दिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी राजा भैया से मुलाकात की थी। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राज्यसभा चुनाव को लेकर काफी एक्टिव दिखाई दिए हैं। ऐसे में राजा भैया की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि एनडीए के साथ राज्यसभा चुनाव मैदान में उतरेगी।

उत्तरप्रदेश की विधानसभा सीटों पर संख्यबाल के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो वर्तमान में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के खाते में 277 वोट हैं। इसके मतलब यह हुआ कि एक सीट पर 37 वोटों की आवश्यकता होगी। यदि एनडीए के हर एक प्रत्याशी को 37-37 वोट भी मिले, तब भी एनडीए के पाले में 18 वोट बचेंगे ही। वही, रालोद सीट पर भी एनडीए को 9 वोट मिलेंगे। और अब राजा भैया के नेतृत्व वाले जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) ने भी अपने दो वोट एनडीए को देने का ऐलान कर दिया है।  जिसके बाद राज्यसभा के सदस्य के लिए एनडीए की स्थिति सपा के मुकाबले ज्यादा मजबूत हो चुकी है।

कौन है राजा भैया?

यूपी के प्रतापगढ़ जिले से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भदरी रिसायत से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता उदय प्रताप सिंह इस रियासत के उत्तराधिकारी हैं। राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर साल 1967 में हुआ था। कहा जाता है कि प्रतापगढ़ जिले में राजा भैया का शुरु से ही काफी दबदबा रहा है। राजा भैया ने दून स्कूल से शिक्षा प्राप्त की थी। फिर उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की थी। राजा भैया ने बेहद कम उम्र में राजनीति में कदम रखा था।

राजा भैया ने पहली बार साल 1993 में कुंड़ा की विधानसभा सीट से चुनाव लड़के अपनी राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई थी। उन्होंने महज 24 साल की उम्र में चुनाव में भारी मतों के साथ जीत दर्ज की थी। इसके बाद से ही राजा भैया ने एक भी बार हार का सामना नहीं किया हैं। हालांकि, राजा भैया के पिता उन्हें कभी राजनीति में नहीं देखना चाहते थे। मगर, उनके पिता के लाख मना करने के बावजूद वे राजनीति में जाने की जिद्द ठान ली थी। इसके बाद राजा भैया के पिता ने उन्हें अपने गुरु से राय लेने की बात कही थी। 

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