बजट सत्र 2024: ये था देश का इकलौता और पहला 'ब्लैक बजट'? युद्ध से बेहाल देश को हुआ था करोड़ों का घाटा, इंदिरा गांधी ने लिया था बड़ा फैसला

  • 31 जनवरी से बजट सत्र की शुरुआत
  • 1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
  • बजट से आम लोगों को उम्मीद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-30 12:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 31 जनवरी से बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है। सत्र के दूसरे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी। चुनावी साल होने के चलते गरीब, किसान, व्यापार वर्ग को बजट से उम्मीदें है। वहीं करदाता कर में छूट मिलने की आसार लगा कर बैठा है। आईए अब हम आपको मौजूदा बजट के इतिहास में थोड़ा पीछे लेकर चलते हैं। आपसे एक सवाल है, क्या आपने कभी ब्लैक बजट के बारे में सुना है? अगर नहीं सुना तो हम आपको बताएंगे क्या था ब्लैक बजट। साथ ही ये भी बताएंगे कि बजट पढ़ने वाले वित्त मंत्री की जगह प्रधानमंत्री ने पहली बार बजट क्यों पेश किया था। हालांकि पीएम के पास ही वित्त मंत्रालय का प्रभार था। जिसके चलते उन्होंने इस बजट को पेश किया था। बजट को पढ़ने से पहले प्रधानमंत्री ने सदन में मौजूद सदस्यों से माफी भी मांगी थी। आज हम आपको इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

मुझे माफ कीजिएगा

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 28 फरवरी 1970 को पीएम पद के साथ-साथ वित्त मंत्री होने का भी फर्ज निभाया था। बजट भाषण के दौरान उन्होंने कहा था 'मुझे माफ कीजिएगा' पीएम के इन शब्दों को सुनकर सदन में मौजूद सभी सदस्य सकते में आ गए। पीएम के इन शब्दों से मौजूदा सदस्य परेशान हो गए और सोचने लगे की बजट में ऐसा क्या आने वाला है? जैसे जैसे समय बढ़ता गया और पीएम ने अपना बजट पढ़ना शुरु किया। थोड़ी देर में इंदिरा गांधी ने परेशानी को दूर किया और बताया कि वह राजस्व बढ़ाना चाहती हैं।

सिगरेट पर बढ़ाई कस्टम ड्यूटी

इंदिरा गांधी ने इस बजट में आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दी थी। इसके साथ ही उन्होंने सिगरेट पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को 3 फीसदी से बढ़ाकर 22 फीसदी कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि यह बजट सिगरेट पीने वाले पर भार बनने वाला है। मगर इससे सरकार के राजस्व में 13.50 करोड़ रुपये का इजाफा हो जाएगा।

देश का पहला और एकमात्र ब्लैक बजट

भारतीय इतिहास में वर्ष 1973-74 ये वह समय था जब देश में पहली बार ब्लैक बजट पेश किया गया था। ब्लैक बजट तबक कहा जाता है कि सरकार को आय से ज्यादा खर्च करना पड़ा हो। मसलन सरकार की आय 500 रु. हो और उसे खर्च करना पड़े 550 रु., तब बजट को ब्लैक बजट कहा जाएगा। देश के इतिहास में ऐसा बजट सिर्फ एक ही बार पेश हुआ है। तब देश की प्रधानमंत्री थीं इंदिरा गांधी और ये बजट पेश किया था तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण ने। उस वक्त बेहद कम बारिश होने की वजह से और भारत पाकिस्तान युद्ध की वजह से देश के हालात बहुत खराब हो गए थे। आर्थिक स्थिति काफी डांवाडोल थी। इन हालातों में पेश किया गया बजट ब्लैक बजट कहलाया।

इस ब्लैक बजट में सरकार ने सामान्य बीमा कंपनियों, भारतीय कॉपर कॉरपोरेशन के साथ ही कोल माइन्स के राष्ट्रीयकरण का ऐलान किया था. जिसके लिए 56 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया था. इस ब्लैक बजट में सरकार ने 550 करोड़ रु. का घाटा दिखाया था।

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