लोकसभा चुनाव: उमा भारती का चुनाव लड़ने से इनकार, साध्वी प्रज्ञा को दोबारा टिकट न मिलने पर कही ये बात
- लोकसभा चुनाव पर उमा भारती ने दिया बड़ा बयान
- बोली - नहीं लडूंगी चुनाव
- साध्वी प्रज्ञा को बताया अपने जेल में न होने की वजह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही दिनों का समय शेष बचा है। चुनाव आयोग इस महीने कभी भी तारीखों की ऐलान कर सकता है। सभी दलों ने इस महामुकाबले के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बीच बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बात की। अपने आवास आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने लोकसभा चुनाव लड़ने की बातों को अफवाह करार दिया। उमा भारती ने कहा, 'मैं चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हूं? क्या हो रहा है? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में हैं। मैं कह चुकी हूं कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी।'
दो साल तक नहीं लडूंगी चुनाव
पूर्व सीएम ने कहा, 'मैं जब 22 जनवरी को अयोध्या में थी तो मुझे लगा कि मेरी दृढ़ता में कोई कमी रह गई कि गंगा का काम अधूरा रह गया। मैं अगर अभी चुनाव लड़ी तो मैं अपने संसदीय क्षेत्र में लग जाऊंगी। इसलिए मैं दो साल तक गंगा के लिए काम करूंगी, तब तक चुनाव नही लड़ूंगी।'
उन्होंने कहा कि इस बारे में मैंने पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को इस बारे में बताया तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम संगठन महामंत्री बीएल संतोष को इस बारे में बता देना। जिसके बाद मैंने ये बात महामंत्री को बता दी थी। इसके बाद मैं इंतजार करती रही कि मेरी चुनाव न लड़ने वाली बात जेपी नड्डा सभी को बताएंगे। वह यह बताएंगे कि मैं चुनाव क्यों नहीं लड़ रही!मैं चाहती थी कि हमारी पार्टी ही मेरे बारे में बताए कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहती। मैं मोदी जी के साथ हूं। जेपी नड्डा जी को स्पष्ट करना चाहिए कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहती हूं। यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा साफ नहीं करेंगे, तो में पत्र सार्वजनिक करूंगी।
साध्वी प्रज्ञा का टिकट कटने पर कही ये बात
साध्वी प्रज्ञा का भोपाल से टिकट कटने पर उमा भारती ने कहा, 'प्रज्ञा दीदी की जहां तक बात है तो उन्होंने बहुत बड़ी कुर्बानी दी है। जेल में कई यातनाएं सही हैं। आज यदि हम लोगों में से बहुत से लोग जेल में नहीं हैं तो उसकी वजह प्रज्ञा हैं। उनको बहुत टॉर्चर किया गया था कि वे दो-चार नाम ले लें। उनमें एक नाम मेरा भी था अन्य संगठनों के बहुत वरिष्ठ लोगों के नाम लेने को कहा गया कि ये लोग भगवा आतंकवाद की रचना कर रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'दिग्विजय सिंह सबसे बडे़ वकील थे। दिग्विजय सिंह को एक इलूजन हो गया था जिसे वो सत्यता में बदलना चाहते थे। यहां क्या हुआ। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हुआ तब क्या हुआ? प्राण प्रतिष्ठा हुई तब क्या हुआ? देश ने एकजुटता के साथ सुना। दीदी मां का टिकट कटा है उस महिला ने बहुत कष्ट उठाए हैं मैं तो उनसे कहूंगी कि वो हम सबको क्षमा करें।'