सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका, जारी रहेगा ज्ञानवापी में ASI का सर्वे

  • सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने दायर की है याचिका
  • इलाहबाद हाई कोर्ट ने सर्वे को बताया था विधिसम्मत
  • सैकड़ों साल पहले क्या हुआ, यह जानना क्यों जरूरी है?

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-04 11:58 GMT

डिजिटल डेस्क,नईदिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में किए जा रहे ASI सर्वे के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। अदालत ने कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) जारी रहेगा। मस्जिद पक्ष के वकील हुजैदा अहमदी ने कोर्ट को सुनवाई के दौरान पिछले आदेशों के बारे में बताया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने मस्जिद पक्ष के वकील से कहा कि हम कल आए हाईकोर्ट के आदेश पर बात कर रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट के ASI के हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने हाई कोर्ट में हलफनामा दिया है कि फिलहाल खुदाई का काम नहीं होगा। ऐसे में फिर अभी हम दखल क्यों दें।

जिसके बाद मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने इस पर कहा कि सर्वे की जरूरत ही क्या है? सैकड़ों साल पहले क्या हुआ, यह जानना क्यों जरूरी है? क्या यह प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन नहीं है?

मस्जिद पक्ष के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी निराधार याचिका पर सर्वे हो सकता है? वकील के इस तर्क पर सीजेआई ने कहा कि जो बात आपके लिए निराधार है वह दूसरे पक्ष के लिए आस्था हो सकती है। हम इस पर टिप्पणी क्यों करें। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एएसआई ने लिखित रुप से हलफनामा दिया है कि सर्वे में ढ़ांचे को कोई नुकसान नहीं पंहुचाया जाएगा।

कोर्ट में तुषार मेहता ने दलील देते हुए बताया कि एएसआई ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बिना वहां कोई खुदाई नहीं की जाएगी। वहीं अहमदी ने कहा कि पुराने जख्मों को क्यों कुरेदना है? खुदाई की जरूरत ही क्या है? इसी से बचने के लिए प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट बना था।

दोनों ही पक्षों की दलीलों के बाद जस्टिस पारडीवाली ने कहा कि हम यह आदेश दे सकते हैं कि सर्वे हो लेकिन नतीजों को अभी सार्वजनिक नहीं किया जाए। कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में इसको सौंपा जाए।

बता दें कोर्ट में मस्जिद पक्ष के वकील लगाातर सर्वे के विरोध में अपनी दलीलें देते रहे वहीं हिंदु पक्ष के वकील माधवी दीवान ने कहा कि सर्वे से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह पारदर्शी तरीके से हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि चाहे तो कोर्ट को उसकी लाइव स्ट्रीमिंग दिखाई जा सकती है।

इलाहबाद हाई कोर्ट ने सर्वे को बताया था विधिसम्मत 

ज्ञात हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि सम्मत है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की याचिका खारिज करते हुए कहा, परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे करवाने का जिला कोर्ट का आदेश न्यायोचित और सही है। इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं है। एसआई का प्रस्तावित सर्वे न केवल न्याय हित में जरूरी है, बल्कि दोनों पक्षों के लिए लाभकारी भी है।

16 पेज के आदेश में कोर्ट ने कहा, एएसआई के एडीजी आलोक त्रिपाठी, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (एएसजीआई) शशि प्रकाश सिंह ने हलफनामा देकर कहा है कि सर्वे के दौरान ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा।

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