लोकसभा चुनाव 2024: '400 पार' का सपना भाजपा के लिए नहीं होगा आसान, पहले चरण की पूर्वोत्तर और दक्षिण की 47 सीटें बनेगी गले की फांस?
- देश में 19 अप्रैल को हैं पहले चरण का लोकसभा चुनाव
- पहले चरण की 102 सीटों पर चुनाव
- इनमें पहले की 47 सीटों पर हार चुकी भाजपा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में आज (19 अप्रैल) को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान है। इस चरण में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान सात चरणों में पूरा होगा। इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
पहले चरण की 47 सीटों पर हारी थी भाजपा
भाजपा ने 2019 के परिणाम को देखते हुए इस बार 543 में से 370 सीटें जीतने का टारगेट सेट किया है। पार्टी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन ने 400 सीटों को हासिल करना का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, इस सपने को साकार करने में बीजेपी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, भाजपा के पूर्व लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन की ओर रूख करें। तो पार्टी पूर्वोत्तर और दक्षिण क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने में सफल नहीं हो पाई है। यहां की कुछ सीटों पर भाजपा को कभी जीत नसीब नहीं हुई है। पहले चरण में शामिल 102 सीटों में से बीजेपी को इन्हीं संसदीय क्षेत्र की 47 सीटें पर करारी हार मिली है। इस लिहाज से देखें तो ये सीटें बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'अबकी बार 400 पार' के नारे की सफलता में रुकावट डाल सकती है।
पहले चरण की ये 47 सीटें 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की है, जिस पर भाजपा कभी जीत नहीं पाई। इनमें तमिलनाडु की 35 सीटों के साथ-साथ बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम की एक-एक सीटें शामिल हैं। जबकि, केंद्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप और पुडुचेरी की एक-एक सीटों पर भी भाजपा को जीत नहीं मिली है।
इन सीटों पर भाजपा को मिली हार
इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्य में मेघालय की दो लोकसभा सीटों पर भाजपा की जीत नहीं हुई है। इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। भाजपा इन सीटों को अपने पाले में लाने के लिए पूरजोर तरीके के साथ ताकत झोंक रही है। फिलहाल, देखना यह होगा कि 4 जून को घोषित होने वाले परिणामों में जीत की बाजी किस पार्टी के हाथ लगती है।
भाजपा को तमिलनाडु की तिरुवल्लूर, चेन्नई उत्तर, चेन्नई मध्य, श्रीपेरंबदूर, कांचीपुरम, अरक्कोणम, वेल्लूर, कृष्णगिरी, धरमापुरी, तिरुवन्नामलाई, अरणी, विलुपुरम, कालकुरुची, सालेम, नमक्कल, इरोड, तिरुपुर, निलगिरी, कोयंबटूर, लक्षद्वीप और पुडुचेरी सीटों पर कभी जीत का परचम नहीं लहरा पाई है।