महाराष्ट्र सियासत: सुप्रीम कोर्ट ने आगामी लोकसभा चुनाव में शरद पवार को दी बड़ी राहत, चुनाव चिन्ह को लेकर कही ये बड़ी बात
- 'तुरहा बजाते व्यक्ति' का चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करेंगे शरद पवार
- अजित पवार को 'घड़ी' चुनाव चिन्ह को विचाराधीन घोषित करना होगा
- चुनाव आयोग अब शरद पवार के चुनाव चिन्ह को नहीं बदलेगी- SC
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार को मंगलवार को बड़ी राहत दी है। अदालत ने शरद पवार को आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' और पार्टी चिन्ह 'तुरहा बजाते व्यक्ति' का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में शरद पवार की पार्टी चिन्ह 'तुरहा बजाते व्यक्ति' को मान्यता देने का निर्देश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने आयोग को यह भी निर्देश दिया है कि शरद पवार के चुनाव चिन्ह 'तुरहा बजाता व्यक्ति' किसी को आवंटित न करें।
इधर, कोर्ट से शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को झटका लगा है। अजित पवार गुट इस वक्त एनसीपी के चुनाव चिन्ह 'घड़ी' की इस्तेमाल करें। हालांकि, इसके लिए कोर्ट ने एक शर्त रखी हैं। जिसके मुताबिक, कोर्ट ने अजित पवार गुट को सार्वजनिक नोटिस जारी करने को कहा है कि चिन्ह 'घड़ी' विचाराधीन है। इसका इस्तेमाल फिलहाल न्यायिक निर्णय के अधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा कि वो चुनाव से जुड़े सभी विज्ञापनों में घड़ी पार्टी चिन्ह के विचाराधीन होने की घोषणा करें। गौरतलब है कि हाल ही में अजित पवार गुट को चुनाव आयोग ने असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी है। वहीं, चुनाव आयोग ने अजित पवार को एनसीपी का सिंबल 'घड़ी' दिया है।
पिछले साल अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की थी। इसके अलावा वह बीजेपी-सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए। इस दौरान बीजेपी-शिंदे गुट ने अजित पवार को डिप्टी सीएम बना दिया।
इसके बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया। फिर चुनाव आयोग ने ज्यादा विधायकों के मत होने के चलते अजित पवार को असली एनसीपी का तमगा दे दिया।