विधानसभा चुनाव 2023: वसुंधरा राजे के समर्थकों ने जमकर काटा बवाल, बीजेपी के लिए बन सकती है बड़ी मुसीबत, जानिए आखिर क्या है वजह?
- राजस्थान विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू
- प्रदेश में अगले महीने 17 नवंबर को होने हैं चुनाव
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अगले महीने होने जा रहा है। जिसके लिए बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां तैयारियां शुरू कर दी हैं। विस चुनाव को देखते हुए कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने लगे हैं। लेकिन बीजेपी की कद्दावर नेता और प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रही हैं। कहा जा रहा है कि राजे के खफा होने का कारण उनके करीबियों का टिकट कटना बताया जा रहा है।
राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 184 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। बीजेपी ने ये लिस्ट दो चरणों में जारी की है। पहली सूची में वसुंधरा राजे के कई कट्टर समर्थकों के नाम काट दिए गए थे। जबकि बीजेपी आलाकमान दूसरी सूची में उनके समर्थकों को एडजस्ट करने की कोशिश की है लेकिन कहा जा रहा है कि जैसा राजे चाहती थी वैसा नहीं हो पाया है।
वसुंधरा समर्थकों का टिकट कटा
सूत्रों के मुताबिक, वसुंधरा राजे समर्थक राजपाल सिंह शेखावत और अशोक लाहोटी का टिकट कट जाने पर दोनों नेता विरोध कर रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, दोनों ही नेता वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। राजपाल और अशोक राजस्थान के पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर बवाल काटा है। इनका कहना है कि उनकी विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बदल कर उन्हें चुनावी मैदान में उतारा जाए। इन दोनों के अलावा वसुंधरा राजे के करीबी और प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी और पूर्व मंत्री यूनुस खान पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं क्योंकि इन दोनों नेताओं को चुनावी रण में उतारने के लिए दिल्ली तक राजे पैरवी कर रही हैं। जानकारी मिली है कि परनामी जयपुर की आदर्श नगर तो यूनुस खान डीडवाना विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं।
सीएम फेंस पर अभी भी पेंच
टिकट बंटवारे के अलावा सीएम फेस पर भी पेंच फंसा हुआ है। बीजेपी ने अभी तक अपने सीएम फेस का एलान नहीं किया है। वसुंधरा राजे के समर्थकों का कहना है कि अगर बीजेपी राजस्थान की सत्ता में चुनकर आती है तो एक बार फिर राजे को ही प्रदेश की मुखिया बनाया जाए। लेकिन खबरें ये भी हैं कि सीएम फेस को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम भी चर्चाओं में चल रहे हैं। वहीं दोनों दिग्गजों को लेकर बीजेपी के नेताओं का कहना है कि, सीएम कौन बनेगा इसकी पुष्टि संसदीय बोर्ड करेगा न की कोई और।
राजे बनेगी बीजेपी के लिए मुश्किल?
बीजेपी आलाकमान वसुंधरा राजे को केंद्र में लाना चाहती है लेकिन राजे को ये मंजूर नहीं है। हाल ही में राजे ने कहा था कि मैं राजस्थान की सेवा करना चाहती हूं। यहां के कमजोर लोगों की आवाज बनना चाहती हूं। जब तक जीवित हूं तब तक प्रदेशवासियों की सेवा करूंगी, बस आपका साथ और आशीर्वाद चाहिए। राजस्थान बीजेपी में मची खींचतान को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर बीजेपी प्रदेश का चुनाव जीत जाती है और राजे सीएम नहीं बनती हैं तो आलाकमान को स्थिति को संभालना बड़ी मुश्किल हो सकता है।