स्टालिन ने न्यू इंडिया एश्योरेंस के हिंदी सर्कुलर का विरोध किया
स्टालिन ने कहा : हम अपने करों का भुगतान करते हैं, देश की प्रगति में योगदान करते हैं, हम अपनी समृद्ध विरासत और इस देश की विविधता में विश्वास करते हैं। हमारी भाषाएं समान व्यवहार की पात्र हैं। हम अपनी भूमि में तमिल को हिंदी से बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, भारत के गैर-हिंदी भाषी नागरिक अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के साथ भारत के विकास को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रहे हैं, इसके बावजूद उनके साथ किए गए दोयम दर्जे के व्यवहार को सहन नहीं किया जाएगा।
स्टालिन ने आगे कहा, तमिलनाडु और द्रमुक हिंदी को थोपने से रोकने के लिए हमारी शक्ति के तहत सब कुछ करेगी। उन्होंने कहा, हम केंद्र सरकार, रेलवे, डाक विभाग, बैंकिंग और संसद में हर जगह हिंदी को मिल रहे विशेष दर्जे का विरोध करेंगे, जो हमें और हमारे लोगों को दिन-प्रतिदिन प्रभावित करती है।
(आईएएनएस)
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