तीखा हमला: अयोध्या में भाजपा की हार पर शरद पवार ने साधा निशाना, कहा - मंदिर को चुनावी एजेंडा बनाकर नहीं चमका सकते अपनी राजनीति
- शरद पवार ने भाजपा पर बोला हमला
- अयोध्या में भाजपा की हार पर किया जिक्र
- मंदिर को चुनावी एजेंडा बनाने पर हुई भाजपा की हार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनीडए के सरकार सत्ता में तीसरी बार काबिज हो गई है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की कई सीटों पर विपक्ष दलों से हार झेलनी पड़ी है। भाजपा के प्रदर्शन पर इंडिया गठबंधन के विपक्षी दल जमकर तंज कस रहे हैं। इस कड़ी में एनसीपी (शरद गुट) के मुखिया शरद पवार ने मंगलवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में अयोध्या की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर यह साबित कर दिया कि चुनाव में मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाकर अपनी राजनीति नहीं चमका सकती है।
महाराष्ट्र के बारामती में एक बैठक में शरद पवार ने भाजपा को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 300 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन, इस बार के चुनाव में भाजपा 240 सीटों पर ही सिमट गई। यह आकड़ा पहले की तुलना में काफी कम है। यदि चुनाव नतीजों को देखे तो उनके खाते से 60 सीटे घट गई है।
भाजपा पर साधा निशाना
शरद पवार ने बैठक के दौरान कहा, "लोकसभा चुनाव में यूपी एक अहम राज्य है क्योंकि वहां के लोगों ने अलग तरह का फैसला दिया है. उन्हें अनुमान था कि राम मंदिर चुनावी एजेंडा होगा और सत्तारूढ़ दल को वोट मिलेंगे, लेकिन हमारे देश के लोग काफी समझदार हैं। जब उन्हें एहसास हुआ कि मंदिर के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं, तो उन्होंने अलग रुख अपनाने का फैसला किया और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।"
अयोध्या में भाजपा की हार पर कही ये बात
एनसीपी मुखिया ने आगे कहा, "यूपी का फैजाबाद संसदीय क्षेत्र, जहां मंदिरों का शहर अयोध्या स्थित है, में एक बड़े उलटफेर में, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने हाल के चुनावों में मौजूदा बीजेपी सांसद लल्लू सिंह को 54,567 वोटों के अंतर से हराया। विपक्ष इस बात से आशंकित था कि मंदिर को चुनावी एजेंडे के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन लोगों ने अलग रुख अपनाया। चूंकि हम वोट मांगने के लिए मंदिर को चुनावी एजेंडे के रूप में इस्तेमाल किए जाने से डरे हुए थे, इसलिए अयोध्या के लोगों ने दिखाया कि 'राजनीति' को कैसे ठीक किया जाए।"
इसके बाद शरद पवार ने कहा, "भारत में लोकतंत्र राजनीति के कारण नहीं बल्कि लोगों की सामूहिक चेतना के कारण बरकरार है। पिछले 10 वर्षों से, जो लोग सत्ता में हैं और अतिवादी रुख अपनाया, लेकिन लोगों ने उन्हें वापस जमीन पर ला दिया है। नरेंद्र मोदी ने सरकार बनाई, लेकिन अपने दम पर नहीं, बल्कि चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी) और नीतीश कुमार (जेडीयू) की मदद से बनाई। जब सरकार दूसरों की मदद से चलती है, तो कोई भी इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता है। 'एडजस्टमेंट' और उस तरह की स्थिति देश में बनी हुई है।"