हिमाचल प्रदेश सियासी संकट: प्रियंका ने फिर निभाई संकटमोचक की भूमिका, बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' को विफल कर बचाई सुक्खू सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-29 17:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर पार्टी के लिए संकटमोचक बनकर उभरी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रियंका ने हिमाचल के सियासी संकट को टालने और सुक्खू सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह बीजेपी के ऑपरेशन लोटस को असफल करने के लिए सीएम सुक्खू और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से लगातार संपर्क में बनी रहीं।

सूत्राें ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस विधायकों ने बगावत की, उससे लग रहा था कि एक और राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगा। लेकिन पार्टी आलाकमान ने सक्रियता और सख्ती दिखाई, इससे न सिर्फ कांग्रेस का संकट टल गया, बल्कि सरकार भी बच गई। प्रियंका की यह भूमिका इसलिए ज्यादा अहम हो जाती है क्योंकि कहा जा रहा था कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे हिमाचल प्रदेश भी कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगा।

सूत्रों ने दावा किया कि बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस के तहत सुक्खू सरकार को गिराने की पूरी साजिश रच ली थी। इस बात की भनक जैसे ही कांग्रेस आलाकमान को लगी वह तुरंत एक्टिव हो गया। सूत्रों ने बताया, ‘‘ इस साजिश का पता लगने के बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी तुरंत सक्रिय हो गईं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ खुद मोर्चा संभाल लिया। वरिष्ठ नेताओं भूपिंदर सिंह हुड्डा, डीके शिवकुमार और भूपेश बघेल को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया और सख्त निर्देश दिए गए कि उन्हें सभी को साथ लेकर चलना है।’’ इस दौरान प्रियंका लगातार पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सीएम सुक्खू और सभी विधायकों से संपर्क में बनी रहीं। बता दें कि प्रियंका इससे पहले भी हिमाचल में कांग्रेस के लिए संकटमोचक की भूमिका निभा चुकी हैं। दरअसल, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव अभियान का चेहरा रही प्रियंका ने चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद सुक्खू और प्रतिभा सिंह गुट के बीच सीएम पद के लिए हो रही लड़ाई को शांत कराया था।

बता दें कि 27 फरवरी प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी ने बड़ा उलटफेर करते हुए कांग्रेस को हरा दिया। पहले माना जा रहा था कि संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस इस चुनाव को आराम से जीत लेगी लेकिन उसके 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते पूरी बाजी ही पलट गई। इसके बाद राज्य की सुक्खू सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे थे। बीजेपी यह कहकर सरकार पर निशाना साध रही थी कि सीएम सुक्खू सरकार चलाने में पूरी तरह फेल हो गए हैं। उनकी सरकार अल्पमत में है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।

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