कर्नाटक में वाल्मीकि घोटाला: पूर्व कैबिनेट मंत्री बी नागेंद्र ने ईडी पर लगाया आरोप, कहा सीएम, डिप्टी सीएम का नाम लेने के लिए डाला गया दबाव
- कर्नाटक में महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम से जुड़ा हुआ मामला
- पूर्व मंत्री ने ईडी पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगाया
- बीजेपी के दबाव में काम कर रही है ईडी- बी.नागेंद्र
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। पूर्व कैबिनेट मंत्री बी नागेंद्र ने जेल से रिहा होने के बाद ईडी पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। बुधवार को जेल से बाहर पूर्व मंत्री नागेंद्र ने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा तथाकथित वाल्मीकि घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार का नाम लेने के लिए ईडी ने मुझ पर दबाव डाला।
सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के वाल्मीकी घोटाला कर्नाटक में महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम से जुड़ा हुआ है। यहीं नहीं पूर्व मंत्री ने ईडी पर कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश के तहत बीजेपी के दबाव में उन्हें गिरफ्तार करने का भी आरोप लगाया।
स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को ही कांग्रेस विधायक को बेल दे दी। जेल से रिहा होने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नागेंद्र ने कहा कि घोटाले के सिलसिले में सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार का नाम लेने के लिए उन पर दबाव डाला गया था। उन्होंने कहा इस घोटाला में सरकार की भूमिका कहां से आई? सरकार और बैंक में हुए घोटाले के बीच दूर -दूर तक कोई संबंध नहीं है।
आपको इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक में वाल्मीकि घोटाले को लेकर दावा किया था कि इस घोटाला के पीछे कांग्रेस के विधायक बी नागेंद्र ने साजिश रची थी।ईडी ने ये भी बताया कि राज्य सरकार के इस निकाय से निकाली गई रकम का इस्तेमाल इस साल हुए लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी के खर्चे के लिए किया गया। ईडी ने इस केस में कुछ समय पहले बेंगलुरु में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक स्पेशल कोर्ट के समक्ष चार्जशीट दायर की। अदालत ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया है। ईडी का कहना है कि घोटाले से निकाले धन को अलग अलग फर्जी खातों के जरिए निकाला गया। बाद में इस धन को नकदी तथा सोने-चांदी के रूप में बदल दिया था।