लोकसभा चुनाव 2024: पीके ने राहुल गांधी को दी सलाह, सफलता न मिलने पर ब्रेक लेने की कही बात
- राहुल के बयान का किया जिक्र
- पार्टी के अंदर नहीं ले सकते निर्णय
- कांग्रेस की हार के ठीकरे पर क्या बोले PK?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनावी रणनीतिकार व जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं प्रशांत किशोर ने ब्रेक लेने की सलाह दे दी है। पीके ने गांधी को कहा है कि अगर इस बार लोकसभा चुनाव में सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) को सफलता नहीं मिलती यानि निराशाजनक प्रदर्शन रहता है तो राहुल गांधी को अलग हटकर ब्रेक ले लेना चाहिए। राहुल गांधी को इस बात पर जोर नहीं देना चाहिए कि बार-बार विफलताओं के बावजूद उन्हें अकेले ही पार्टी के लिए काम करना होगा।
आपको बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर चुनावी रणनीति बनाने वाली एक कंपनी I-PAC का संचालन करते थे। हालांकि वो अब दावा करते है कि उन्होंने इस कंपनी से खुद को अलग कर लिया है।अब पीके बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं।
2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह पीछे हट जाएंगे और किसी और को कार्यभार संभालने देंगे। पीके ने इसे लेकर कहा व्यवहारिक तौर पर उन्होंने अपने शब्दों के उलट काम किया है।
पीके से राहुल गांधी के उस दावे पर सवाल पूछा गया, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष चुनावी असफलताओं का ठीकरा चुनाव आयोग, न्यायपालिका और मीडिया पर फोड़ते हैं। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि आंशिक रूप से इसमें कुछ सच्चाई हो सकती है, लेकिन इससे पूरी तस्वीर पेश नहीं होती है। 2014 के चुनावों में सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस 206 सीटों से गिरकर 44 पर सिमट गई। उस समय बीजेपी का संस्थानों पर सीमित प्रभाव था।
प्रशांत किशोर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, पिछले 10 सालों से 'राहुल गांधी कांग्रेस को असफल तरीके से चला रहे हैं। इसके बाद भी वह अलग हटने और किसी दूसरे को पार्टी की कमान सौंपने के लिए तैयार नहीं हैं। जब पिछले 10 साल से एक ही काम बिना किसी सफलता के कर रहे हैं तो ब्रेक लेने में कोई हर्ज नहीं है। आपको इसे किसी और को 5 साल के लिए करने देना चाहिए।
पीके ने कहा एक अच्छे नेता में ये गुण भी होता है कि वे कमियों को स्वीकार करते है।सक्रिय रूप से उन्हें दूर करने की कोशिश भी करते हैं। राहुल को लगता है कि उन्हें किसी ऐसे शख्स की जरूरत है, जो उस काम का क्रियान्वयन करे, जो उन्हें सही लगता है, लेकिन यह संभव नहीं है। राहुल गांधी को ऐसा लगता है कि उन्हें सब पता है। सच यह है कि अगर आपको नहीं लगता की मदद की जरूरत है तो कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता।