पटना की बैठक में प्रदेश स्तरीय सियासत के बीच तालमेल व विरोध का हल खोजेंगी विपक्षी पार्टियां

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-21 16:46 GMT
Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar listens to the problems of people during the 'Janta Darbar' programme, in Patna, on Monday, June 06, 2022. (Photo: IANS)
डिजिटल डेस्क,पटना। बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक पर सबकी नजर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 15 से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है। बताया जाता है कि इस बैठक में भाजपा को सत्ता से मुक्त करने को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। लेकिन, प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर चर्चा नहीं की जाएगी। बैठक में प्रदेश स्तरीय सियासत के बीच तालमेल व विरोध का हल ढूंढने के भी प्रयास विपक्षी पार्टियां करेंगी। 
सूत्रों का कहना है कि बैठक के एजेंडे में वैसे किसी भी मुद्दे को लेकर फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे किसी प्रकार के विवाद की गुंजाइश नहीं हो। सही अर्थों में इस बैठक का मुख्य एजेंडा सभी विपक्षी दलों में तालमेल बैठाने की कोशिश है।

सूत्र कहते हैं कि बैठक में शामिल होने वाले लगभग सभी दलों की किसी न किसी पार्टी से कटुता सामने आती रही है, ऐसे में इस बैठक की एकजुटता को लेकर प्रश्न भी उठाए जा रहे हैं। इस बैठक में विपक्षी पार्टियों के नेता साझा न्यूनतम कार्यक्रम की प्रारंभिक रूपरेखा तय करने का प्रयास करेंगे। सभी पार्टियां पहले ही संयुक्त रूप से उतरने के संकेत दे चुकी हैं। ऐसे में तय है कि बैठक में नेतृत्व को लेकर चर्चा नहीं होगी। माना यह भी जा रहा है कि बैठक में ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में वाम दलों की कांग्रेस से निकटता पर सवाल खड़े करेंगी। तो, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब में कांग्रेस के साथ परस्पर विरोधी संबंधों के बीच एकता का फॉर्मूला जानना चाहेंगे। ऐसे में सभी दल गहन विचार कर फॉर्मूला भी खोजने की कोशिश करेंगे।

इसके अलावा बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2024 के लिए एक के बदले एक के फॉर्मूला पर भी विचार करने की संभावना है। इस फॉर्मूले के तहत हर सीट पर भाजपा के मुकाबले विपक्ष का एक ही उम्मीदवार उतारे जाने का सुझाव है। इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक कुप्रबंधन, नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी से हुए नुकसान जैसे मुद्दों पर विपक्षी खेमे में कोई विरोधाभास नहीं है। देश में बढ़ते नफरत के माहौल, सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग, लोकतंत्र को कमजोर करने के हो रहे प्रयासों को लेकर पहले भी विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरते रही है, ऐसे में यह तय है कि इन सभी मुद्दों को और धारदार बनाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

(आईएएनएस)

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