अरविंद केजरीवाल के अचानक पीएम मोदी पर बदले रुख की क्या है वजह? जानिए इसके राजनीति मायने

'आप' की रणनीति अरविंद केजरीवाल के अचानक पीएम मोदी पर बदले रुख की क्या है वजह? जानिए इसके राजनीति मायने

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-03 16:03 GMT
अरविंद केजरीवाल के अचानक पीएम मोदी पर बदले रुख की क्या है वजह? जानिए इसके राजनीति मायने

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार अपने शब्दों के जरिए हमलावर हैं। हाल के समय में उन्होंने कई बार पीएम मोदी के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जिन शब्दों का इस्तेमाल करने से कट्टर राजनीतिक विरोधी भी परहेज करते हैं। उनका ऐसा रवैया साल 2017 के दिल्ली नगर निकाय चुनाव और पंजाब विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद भी नहीं देखा गया था। उस दौरान केजरीवाल पीएम मोदी पर सीधा प्रहार करने से बचते रहे। लेकिन अचानक उनके बेहद तीखे शब्दों के इस्तेमाल से राजनीतिक जानकार भी हैरान है। वे भी उनके बदले रुख के मायने तलाश कर रहे हैं। 

जानकारों का मानना है कि शायद केजरीवाल की आक्रामकता की वजह मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी है। वहीं कुछ जानकारो का कहना है कि आप के नेता सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं और वे इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं। हाल ही में 'मोदी हटाओ देश बचाओ' का नारा देने वाली 'आप' ने पीएम मोदी की शिक्षा को मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। इस पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि 'आप' के नेतागण पीएम मोदी पर हमला करके सेल्फ गोल कर रहे हैं। साथ ही उनका कहना है कि वह कांग्रेस की राह पर चलने का काम कर रहे हैं। इसके बारे में सभी जानते है कि पीएम मोदी पर कांग्रेस की टिप्पणियों का असर चुनाव में किस तरह का देखने को मिला। 

केजरीवाल के बदले रूप

राजनीतिक पंडित केजरीवाल के लिए 'अटैक इज बेस्ट सेल्फ डिफेंस' का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका मानना है कि जिस तरह दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया, उसके बाद पार्टी के छवि में गिरावट देखने को मिला है। ऐसे में केजरीवाल ने अपनी रणनीति बदलाव करते हुए बीजेपी के शीर्ष नेता खास तौर पर पीएम मोदी पर निजी हमला करना बेहतर समझ रहे हैं। एक समय केजरीवाल के करीबी रहे 'आप' के पूर्व नेता आशुतोष ने भी हाल में अपने एक लेख में केजरीवाल के बदले रुख को लेकर इसी रणनीति का हिस्सा बताया है। 

नैरेटिव बदलने की जरूरत पड़ी

'आप' के एक नेता ने बिना नाम बताया कहा, 'राजनीति में नैरेटिव पर बहुत कुछ निर्भर करता है। जिस तरह बीजेपी ने हमारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झुठे मुकदमों में फंसाकर माहौल खराब करने की कोशिश की, उसी तरह हमारे नेताओं ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए जवाब देने का काम किया है। उसके बाद पार्टी के नैरेटिव में बदलाव देखने को मिला।' पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि भाजपा ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे। उससे पार्टी की छवि पर असर पड़ने लगा था। ऐसे भाजपा की सबसे बड़ी 'ताकत' पर चोट करना जरूरी हो गया था। 

क्या है इसके राजनीतिक मायने?

अरविंद केजरीवाल ने ऐसे समय में पीएम मोदी पर हमला बोलना शुरू किया है। जब पहले से विपक्ष में मोदी के खिलाफ 2024 में दावेदारी की होड़ लगी है। जहां एक तरह कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम मोदी का विकल्प बता रही है तो वहीं दूसरी ओर बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव तक ने विपक्ष को अपनी धूरी पर लाने की कोशिश की है। अटकलें यह भी है कि अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ इसलिए भी तीखे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं कि वह खुद को पीएम मोदी के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। 

 

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