झारखंड की सियासत में बरपा है हंगामा, यूपीए-भाजपा दोनों के नेता-कार्यकर्ता सड़क पर, एक-दूसरे पर कर रहे प्रहार

झारखंड राजनीति झारखंड की सियासत में बरपा है हंगामा, यूपीए-भाजपा दोनों के नेता-कार्यकर्ता सड़क पर, एक-दूसरे पर कर रहे प्रहार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-07 14:00 GMT
झारखंड की सियासत में बरपा है हंगामा, यूपीए-भाजपा दोनों के नेता-कार्यकर्ता सड़क पर, एक-दूसरे पर कर रहे प्रहार

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड की सियासत में हंगामा बरपा है। राज्य का सत्ताधारी गठबंधन यूपीए और विपक्षी पार्टी भाजपा दोनों एक-दूसरे के खिलाफ सड़क पर हैं। सोमवार को झामुमो, कांग्रेस और राजद के सांसदों, विधायकों, नेताओं-कार्यकर्ताओं ने राजभवन के समक्ष धरना दिया। उन्होंने राज्यपाल, केंद्र सरकार, केंद्रीय जांच एजेंसियों और भाजपा पर जमकर प्रहार किया।

दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के कई प्रखंडों में आक्रोश मार्च निकाला और राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को अगले कुछ दिनों में उखाड़ फेंकने का दावा किया। यूपीए ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन राजभवन में सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य की चुनी हुई सरकार को केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए अपदस्थ करने की साजिश रची गई है। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रघुवर दास ने राज्यपाल को पत्र लिखकर राज्य में संवैधानिक सिस्टम को फेल बताते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की मांग की है।

राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे में राज्य सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, मिथिलेश ठाकुर, सांसद विजय हांसदा, महुआ माजी, विधायक जयमंगल सिंह, बैद्यनाथ राम, दीपक बिरुआ, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की सहित सत्ताधारी गठबंधन के तीनों दलों के नेता-कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। धरनास्थल पर सभा भी हुई, जिसे संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि पिछले छह माह में केंद्रीय एजेंसियों की झारखंड में बढ़ती भूमिका संदिग्ध है। इससे लगता है कि सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो रही। भाजपा नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों के बारे में हर सूचना रहती है। नेताओं ने राज्यपाल पर भी भाजपा के एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया। भाषण के दौरान कई नेताओं ने आपा खो दिया।

मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने यहां तक कह दिया कि सरकार के रास्ते में टांग अड़ाने वालों की टांग तोड़ दी जाएगी। इसी तरह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि जरूरत पड़ी तो भाजपा के लोगों को पटक-पटक कर मारेंगे। धरना-जनसभा के बाद यूपीए ने राष्ट्रपति को संबोधित जो ज्ञापन राजभवन को सौंपा गया है, उसमें उनसे लोकतांत्रिक सरकार को संवैधानिक तौर पर संरक्षण देने की मांग की गई है।

इधर भाजपा ने भी राज्य की सरकार के खिलाफ हमला तेज कर दिया है। सोमवार को पार्टी ने विभिन्न प्रखंडों में आक्रोश मार्च निकाला और धरना दिया। मार्च और धरना में पार्टी के प्रदेशस्तरीय नेताओं ने भी भाग लिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड में निकाले गए आक्रोश मार्च में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विफलताओं और असंवैधानिक करतूतों से पूरे राज्य की जनता गुस्से में है। उन्होंने दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जल्द पूर्व मुख्यमंत्री कहलाएंगे।

इस बीच पूर्व सीएम रघुवर दास ने सोमवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के खिलाफ मुख्यमंत्री खुद जिस तरह सड़क जाम कर सभा कर रहे हैं और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करते हुए अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं, उससे राज्य संवैधानिक संकट की ओर बढ़ता दिख रहा है। उन्होंने सीएम के हालिया भाषणों, बयानों की जांच कराते हुए धारा 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश का आग्रह किया है।

(आईएएनएस)

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