सात मार्च को होगा देश के सबसे बड़े राज्य की गद्दी का अंतिम सियासी दंगल, 10 मार्च को आएगा फैसला

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 सात मार्च को होगा देश के सबसे बड़े राज्य की गद्दी का अंतिम सियासी दंगल, 10 मार्च को आएगा फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-04 09:12 GMT
सात मार्च को होगा देश के सबसे बड़े राज्य की गद्दी का अंतिम सियासी दंगल, 10 मार्च को आएगा फैसला
हाईलाइट
  • अंतिम मोड़ पर चुनाव

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का युद्ध अब अपने अंतिम मोड़ पर पहुंच चुका है। 7 मार्च को होने वाले सातवें चरण में राज्य के 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान होना है। जिनमें से अधिकतर जिले पूर्वांचल से आते है।   अंतिम चरण के मतदान में हर पार्टी जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं। अंतिम चरण की अहमियत का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  खुद मैदान में उतर आए है। हालांकि पीएम के चुनावी प्रचार की तेजी के पीछे उनके खुद के संसदीय क्षेत्र में चुनाव होना भी बताया जा रहा है।

9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान

यूपी विधानसभा के 403 सीटों में से अब तक 349 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है।  सातवें चरण में 9 जिले आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र शामिल है। इन्हीं 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान होना है।

7 वें  चरण की विधानसभा सीटें 

मल्हानी,बदलापुर, पिंडारा, आजमगढ़, निजामाबाद, जमानिया, मुगलसराय, फूलपुर- पवई, लालगंज, मेहरगढ़, जाफराबाद, सैदपुर, मरिहां, घोरावल, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, गाजीपुर, जंगीपुर,रॉबर्ट्सगंज, ओबरा, दुद्धी, दीदारगंज, अतरौला, गोपालपुर, सकलडीहा, सागरी, शिवपुर, मुबारकपुर, सेवापुरी, भदोही, ज्ञानपुर, औराई, मधुबन, घोसी, मोहम्मदाबाद गहना, मऊ, मोहम्मदाबाद, सैयदपुर, चकिया, अजगर,रोहनियां, मछली शहर, मरियाहू, छांबी, मिर्जापुर, मझवां, चुनार, शाहगंज, जौनपुर, जहूराबाद और मुंगरा बादशाहपुर।

2017 का रिज्लट

2017 के  चुनावों में आजमगढ़ की 10 सीटों में से सपा ने 5, बसपा ने 4 और बीजेपी ने 1 सीट हासिल की थी। मऊ जिले की 5 सीटों में से बीजेपी ने 4 और  बसपा ने 1 सीट पर कब्ज़ा जमाया था। जौनपुर जिले की 9 में से 4 बीजेपी, एक अपना दल(एस), 3 सपा और 1 बसपा की झोली में आई थी। गाजीपुर की 7 सीटों में से 3 बीजेपी, सुभासपा, 2 सपा ने जीती थी। चंदौली की 4 में से 3 बीजेपी और 1 सपा के खाते में गई थी। वाराणसी की 8 सीटों में से 6 सीटें बीजेपी, एक अपना दल (एस)  और एक सुभासपा ने अपने खाते में जोड़ी थी। भदोही की 3 में से दो बीजेपी और एक निषाद पार्टी को मिली थी। मिर्जापुर की पांच में से 4 बीजेपी और 1 अपना दल (एस) तो सोनभद्र जिले की 4 में से 3 तीन बीजेपी और एक अपना दल (एस) ने कब्जा जमाया था। 

चर्चित चुनावी चेहरें
आजादी के बाद प्रदेश में 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। जिनमें जौनपुर से तीन निर्दलीय प्रत्याशी ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। 
1957 कुंवर श्रीपाल सिंह लक्ष्मी शंकर यादव (कांग्रेस)
1967 राज बहादुर यादव दीप नरायन वर्मा (कांग्रेस)
2002 धनंजय सिंह श्रीराम यादव (सपा)

पिछले तीन दशक से वाराणसी की दक्षिणी सीट, भाजपा का गढ़ रही है। बीजेपी ने इस सीट पर पहली बार 2017 में जीत दर्ज की , बीजेपी की झोली में जीत डालने वाले नीलकंठ तिवारी पर पार्टी ने फिर से भरोसा दिखाया, अब देखना है कि पार्टी के इस भरोसे को तिवारी जिंदा रख पाते है या नहीं। हालांकि  ये तो 10 मार्च को आने वाले नतीजे ही तय करेंगे। 

 

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