महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक के बीच सुप्रिया सुले का बड़ा बयान, कहा - अगले 15 दिनों में दिल्ली और महाराष्ट्र में होंगे दो बड़े सियासी धमाके
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे महाराष्ट्र की सियासत उबाल मारने लगी है। राज्य की राजनीति में जारी राजनीतिक घमासान के बीच एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले 15 दिनों में दिल्ली और महाराष्ट्र में दो बड़े सियासी् धमाके होने वाले हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है।
अजीत पवार को लेकर कही ये बात
दरअसल, सुले ने यह बयान उस वक्त दिया है जब महाराष्ट्र के नेताप्रतिपक्ष अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। मीडिया ने सुप्रिया से जब अजित पवार के बारे में पूछा कि वह कहां हैं तो उन्होंने कहा, 'आप सभी चैनल वाले एक यूनिट अजित दादा के पीछे लगा लें। प्रदेश में कई समस्याएं हैं, राज्य में गलत तरीके से काम हो रहा है, एक कार्यक्रम रद्द करने से ऐसा कुछ नहीं होगा।' वहीं अजित पवार के बीजेपी ज्वाइन करने वाले सवाल पर उन्होंने कहा, 'यह बात आप उनसे पूछो, मेरे पास गॉसिप के लिए समय नहीं है, जनप्रतिनिधि के रूप में मेरे पास बहुत काम है, इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन मेहनत करने वाला नेता हो तो अजीत दादा को हर कोई चाहेगा, इसलिए इस तरह के बयान दिए जाते हैं।'
अजीत पवार की नाराजगी को लेकर कही ये बात
वहीं अजित पवार की नाराजगी को लेकर सुले ने कहा कि वह नाराज नहीं हैं। दरअसल, बीते दिनों पुणे में एनसीपी की एक रैली हुई थी जिसमें शरद पवार और सुप्रिया सुले तो शामिल हुए लेकिन अजीत पवार नदारद थे। जिसके बाद उनके पार्टी से नाराज होने और बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगनी शुरू हो गईं थीं।
इस पर सुले ने मीडिया से कहा कि अजित पवार नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई एमवीए की बैठक में जयंत पाटिल का भाषण नहीं हुआ इसका मतलब यह नहीं है कि वह नाराज हैं। उन्होंने कहा कि यह पहले से ही तय था कि एमवीए की बैठक में केवल दो लोग ही बोलेंगे। इस तरह से अजित दादा के नाराज होने की खबर भी महज अफवाह है।
बता दे कि अजीत के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों की वजह उनका हालिया बयान था। जिसमें उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की तारीफ की थी। साथ ही ईवीएम को दोष देने पर विपक्षी दलों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, मुझे ईवीएम प्रणाली पर पूरा भरोसा है। कोई भी ईवीएम से छेड़खानी नहीं कर सकता। चुनाव में हारने वाली पार्टी इस प्रणाली को दोष देती है लेकिन यह जनादेश होता है। उन्होंने पीएम मोदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा, जिस पार्टी के एक समय पर केवल 2 सांसद थे, उसने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 लोकसभा चुनाव में भारी जनादेश प्राप्त किया और देश के दूर-दूराज के इलाकों में अपनी पहुंच बनाई।