चुनाव से सात माह पहले मध्यप्रदेश में बड़ी मुश्किल में उलझी बीजेपी, तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं कम होती नजर आ रही सत्ता विरोधी लहर!
खराब फीडबैक से परेशान बीजेपी चुनाव से सात माह पहले मध्यप्रदेश में बड़ी मुश्किल में उलझी बीजेपी, तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं कम होती नजर आ रही सत्ता विरोधी लहर!
डिजिटिल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही बीजेपी की मुश्किलें लगातार बढ़ती चली जा रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह फीडबैक में आ रहे बीजेपी विधायकों के प्रति जनता की नाराजगी को बताया जा रहा है। जमीनी स्तर से आ रहे फीडबैक से पता चला है कि विधायकों के प्रति न केवल जनता बल्कि, पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता भी अपने विधायक से नाराज चल रहे हैं। जहां एक तरफ राज्य में बीजेपी के वरिष्ठ नेता पार्टी के विधायकों को हिदायत दे रहे हैं , वहीं दूसरी ओर पार्टी संगठन ने विधायकों की कार्यशैली और कार्यप्रणाली का ब्यौरा भी तलब करने को कहा है। बता दें कि, बीजेपी ने बीते दिन राजधानी भोपाल में बूथ विजय संकल्प अभियान के तहत राज्य स्तरीय बैठक बुलाई थीं।
विधायकों को मिली हिदायत
इस मीटिंग में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन मंत्री हितानंद के अलावा पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे। बैठक में कई विधायकों के कामकाज पर सवाल उठाए गए और उन्हें हिदायत भी दी गई। साथ ही उनसे यह भी पूछा गया कि वे सभी संगठन के कामकाज में क्यों भाग नहीं ले रहे हैं? बीजेपी संगठन लगातार चुनाव से पहले जमीनी स्तर को मजबूत करने में जुटा हुआ है। ताकि चुनाव से पहले किसी भी तरह की गुंजाइश न रहे।
खराब फीडबैक से परेशान पार्टी
हाल ही में बूथ विस्तारक अभियान के दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सड़क मार्ग से ही पूरे राज्य की जनता से फीडबैक लेने का काम किया था। इस दौरान कई जगहों से यह शिकायत मिली थी कि स्थानीय पार्टी विधायक संगठन के कामकाज में किसी भी तरह की दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इधर, बीते कुछ दिनों से राज्य के प्रमुख नेताओं को जो फीडबैक मिला है, वह आने वाले चुनाव में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर सकता है।
पार्टी की रणनीति
इसलिए, पार्टी अभी से नाराज जनता और कार्यकर्ताओं को मनाने में लगी है। बीते दिन ही पार्टी से बागी हुए नेताओं को एक बार फिर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने अपने पाले में कर लिया। इनमें पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया और पार्टी के पूर्व नेता प्रीतम लोधी के अलावा बागी हुए कार्यकर्ता शामिल हैं। पार्टी लगातार अपने विधायकों और सांसदों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के आलाकमान का सारा फोकस एमपी की राजनीति पर रहने वाला है।