विधानसभा चुनाव के चलते दलितों को लुभाने जुटी समाजवादी पार्टी

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 विधानसभा चुनाव के चलते दलितों को लुभाने जुटी समाजवादी पार्टी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-25 12:00 GMT
विधानसभा चुनाव के चलते दलितों को लुभाने जुटी समाजवादी पार्टी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ । उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते दलितों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी ने समाजवादी बाबासाहेब अंबेडकर वाहिनी का नेतृत्व करने के लिए मिठाई लाल भारती को चुना है। सपा के पास अब अनुसूचित जातियों के लिए एक समर्पित विंग है। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में मिठाई लाल भारती की गिनती प्रमुख दलित नेताओं में होती है।

बसपा में रहते हुए भारती कई राज्यों के प्रभारी थे। वह पूर्वांचल के पार्टी के जोनल समन्वयक थे और उन्हें संगठन चलाने का पर्याप्त अनुभव है। सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी अब बाबासाहेब अंबेडकर वाहिनी पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसका गठन अप्रैल 2021 में हुआ था। पार्टी गैर-जाटव दलितों की ओर देख रही है, जिनका बसपा और उसकी जाटव-केंद्रित राजनीति से मोहभंग हो गया है।

उन्होंने कहा कि बसपा में गैर जाटव नेताओं को अपमानित किया जा रहा है। पार्टी ने लालजी वर्मा और राम अचल राजभर जैसे दिग्गजों को निष्कासित कर दिया है। हाल ही में जब बसपा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर का निधन हुआ, तो मायावती ने उनके आवास पर जाकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने की भी जहमत नहीं उठाई। यहां तक कि सतीश चंद्र मिश्रा ने भी शिष्टाचार नहीं दिखाया। ऐसे में लोगों का बसपा से मोहभंग हो रहा है और वे सपा की ओर बढ़ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में दलित वोट बैंक करीब 22 से 23 फीसदी माना जाता है जिसमें जाटवों की संख्या करीब 12 फीसदी है। जाटव मतदाता बसपा का समर्थन करते रहे हैं लेकिन अन्य दलित जातियां पार्टी से दूरी बना रही हैं। भारती ने कहा कि हमें बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया की विचारधाराओं को साथ लेकर चलना है। हमें वंचित और उत्पीड़ित वर्गों को दोनों नेताओं की विचारधाराओं से और उनके योगदान से समाज को अवगत कराना है।

 

(आईएएनएस)

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