पंजाब में शिअद-बसपा की अगली सरकार बनेगी
मायावती पंजाब में शिअद-बसपा की अगली सरकार बनेगी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन पंजाब में स्पष्ट बहुमत के साथ अगली सरकार बनाएंगे। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि वे जल्द ही पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अभियान शुरू करेंगी। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, जब शिअद-बसपा पंजाब में चुनाव लड़ेगी, तो कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। मायावती ने कहा कि बसपा-शिअद गठबंधन 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत के साथ पंजाब को कांग्रेस पार्टी के कुशासन से मुक्त करेगा।
उन्होंने कहा कि उनके दिल में पंजाब का खास स्थान है और बसपा के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम भी पंजाब के ही थे। इस बीच, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पंजाब के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं। मंगलवार को वह मोगा में आयोजित शिअद के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। बाद में वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल समेत शिअद के शीर्ष नेताओं से चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। मिश्रा चंडीगढ़ में बसपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। उसके बाद वह 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बसपा-शिअद उम्मीदवारों और अन्य नेताओं की बैठक में शामिल होंगे।
सूत्रों ने बताया कि बसपा ने 20 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है जबकि शिअद 97 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बसपा पंजाब इकाई के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने सोमवार को एक प्रेस बयान में कहा कि पार्टी ने 17 सीटों पर उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है जबकि शेष तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा, पार्टी कार्यकर्ताओं को ईमानदारी से काम करना चाहिए और प्रत्येक सीट पर बसपा-शिअद गठबंधन की जीत के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना है कि बसपा-शिअद पंजाब में एक लोकप्रिय सरकार बनाए जो जनता के कल्याण और विकास के लिए काम करे।
पंजाब में कांग्रेस सरकार को भ्रष्ट बताते हुए, मायावती ने कहा, यह सरकार सभी मोचरें पर विफल रही। पंजाब के लोग कांग्रेस सरकार के कुशासन से मुक्त होना चाहते हैं। कांग्रेस नेताओं के बीच कलह के कारण लोगों के कल्याण की अनदेखी की गई है। बसपा और शिअद कार्यकर्ताओं को गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने मतभेदों को भूल जाना चाहिए।
(आईएएनएस)