राहुल गांधी सपने में भी सावरकर नहीं हो सकते : अनुराग ठाकुर

दिल्ली राहुल गांधी सपने में भी सावरकर नहीं हो सकते : अनुराग ठाकुर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-26 20:30 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
हाईलाइट
  • बदनाम करने की कोशिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर तीखा हमला किया कि वह सावरकर नहीं हैं।

ठाकुर ने ट्वीट्स में राहुल को याद दिलाया कि वह कभी भी वीर सावरकर अपने सपनों में भी नहीं बन सकते, क्योंकि वीर सावरकर का नाम धैर्य, दृढ़ संकल्प, भारत के लिए दृढ़ देशभक्ति, निस्वार्थता और मातृभूमि के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सावरकर ने न तो साल में छह महीने विदेश में छुट्टियां बिताईं और न ही उन्होंने विदेशी शक्तियों से हस्तक्षेप की मांग की। ठाकुर ने कहा कि जब सावरकर ब्रिटेन गए, तो उन्होंने भारत माता को गुलामी से मुक्त करने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।

उन्होंने कहा कि वीर सावरकर की देशभक्ति के प्रति इतना सम्मान था कि शहीद भगत सिंह के अलावा कोई और खुद रत्नागिरि नहीं गया था और सावरकर की अमर किताब भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम के पंजाबी संस्करण को पंजाब में छपवाने की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि सावरकर ने अपने देशवासियों से यूं ही इतना अमर सम्मान नहीं अर्जित किया। उस समय के सभी प्रसिद्ध नेता और विचारक सावरकर की देशभक्ति और साहस के कायल थे।

उन्होंने विशेष रूप से 1923 में कांग्रेस के काकीनाडा अधिवेशन का उल्लेख किया जहां वीर सावरकर के सम्मान में एक विशेष प्रस्ताव भी पारित किया गया था। ठाकुर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने न केवल वीर सावरकर जैसे नायक को बदनाम करने की कोशिश की, बल्कि अपनी दादी दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की विरासत को भी भुला दिया।

उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी ने वीर सावरकर की वीरता का गुणगान करते हुए इंदिरा गांधी द्वारा लिखा गया पत्र पढ़ा होता, तो उन्हें ऐसे देशभक्त के साथ अपनी तुलना करने में अपनी गलती का एहसास होता। इंदिरा गांधी ने न केवल वीर सावरकर के योगदान को पहचाना बल्कि उनकी याद में एक डाक टिकट भी जारी किया।

केंद्रीय मंत्री ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बनी एक डॉक्यूमेंट्री का लिंक भी पोस्ट किया। उन्होंने दोहराया कि जब उस समय के किसी भी देशभक्त ने वीर सावरकर के बारे में कुछ भी नकारात्मक नहीं कहा और इसके बजाय उनकी देशभक्ति और साहस की प्रशंसा की, तो राहुल गांधी वीर सावरकर की आलोचना करके महात्मा गांधी, भगत सिंह और उनकी अपनी दादी की स्मृति का अपमान कर रहे हैं।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Tags:    

Similar News