तीस्ता और श्रीकुमार की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन जारी
तमिलनाडु तीस्ता और श्रीकुमार की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन जारी
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) और कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों के नेतृत्व में तमिलनाडु के कई मानवाधिकार संगठनों ने तीस्ता सीतलवाड़ और सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। चेन्नई, तिरुचि, मदुरै, कोयंबटूर, डिंडीगुल, सलेम और तमिलनाडु के अन्य प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए।
पीयूसीएल के राष्ट्रीय महासचिव वी. सुरेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में की गई टिप्पणियों का गलत इस्तेमाल किया है और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ लड़ने वालों पर प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 के गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट बरकरार रखने के बाद दोनों को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जकिया जाफरी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आपराधिक साजिश की जांच की मांग की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 2002 में गोधरा ट्रेन जलने की घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा और हत्याएं हुईं। ट्रेन में आग लगाए जाने पर कई कारसेवक मारे गए थे।
मद्रास उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वैगई ने एक विरोध मार्च में भाग लेते हुए कहा कि सरकार द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं पर सीधा हमला किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गिरफ्तारी किसी को भी हो सकती है, जो न्याय की मांग कर रहे हों और पीड़ितों की सहायता कर रहे हों।
पीयूसीएल के पदाधिकारियों ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे देश भर में हो रहे मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन से लोगों को अवगत कराने के लिए राज्य भर में विरोध मार्च निकालेंगे और बैठकें करेंगे। नागरिक स्वतंत्रता संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि गुजरात सरकार सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है और कहा कि तमिलनाडु के मानवाधिकार संगठन जो भी कर सकते हैं करेंगे और विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
सलेम और इरोड में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन पुघल ने भी तीस्ता और श्रीकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के मुख्य समन्वयक के. आर. सेंथिल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए अशोभनीय है। सरकार को तीस्ता और श्रीकुमार सर के खिलाफ गिरफ्तारी का ड्रामा बंद कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करना चाहिए।
सोर्स- आईएएनएस
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