Hate Speech Controversy: राहुल के बाद प्रियंका ने भी BJP पर साधा निशाना, फेसबुक अधिकारियों से सांठगांठ का आरोप लगाया

Hate Speech Controversy: राहुल के बाद प्रियंका ने भी BJP पर साधा निशाना, फेसबुक अधिकारियों से सांठगांठ का आरोप लगाया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-16 19:14 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फेसबुक हेट स्पीच के मुद्दे पर केंद्र सरकार विपक्षी पार्टी कांग्रेस के निशाने पर है। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस महा​सचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है। रविवार, 16 अगस्त को उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि भाजपा के नेता गलत जानकारी और नफरत फैलाने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि BJP ने फेसबुक के आधिकारियों से सांठगांठ भी की, ताकि सोशल मीडिया पर नियंत्रण बना रहे।

प्रियंका गांधी ने बीजेपी नेता पर भड़काऊ पोस्ट पर फेसबुक की ओर से एक्शन नहीं लेने की एक रिपोर्ट को साझा किया है। अपनी पोस्ट में प्रियंका गांधी ने लिखा, भारत के ज्यादातर मीडिया चैनल के बाद अब सोशल मीडिया की बारी है। भारतीय जनता पार्टी नफरत और दुष्प्रचार फैलाने के लिए हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल करती थी और अभी भी कर रही है।

राहुल गांधी ने BJP और RSS पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने BJP और RSS पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया था। राहुला गांधी ने रविवार को कुछ रिपोर्ट के साथ एक ट्वीट किया। ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा कि BJP और RSS भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप को नियंत्रित करते हैं। वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं और इसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया फेसबुक के बारे में सच्चाई के साथ सामने आया है।

 

शशि थरूर ने भी किया ट्वीट
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया है। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति निश्चित रूप से इन रिपोर्टों के बारे में फेसबुक से सुनना चाहती है और भारत में हेट स्पीच के बारे में वो क्या करने का प्रस्ताव करती है।

वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट
बता दें कि अमेरिका के समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता टी. राजा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमानों को गोली मार देनी चाहिए। मुस्लिमों को देशद्रोही बताया था और मस्जिद गिराने की भी धमकी दी थी। इसका विरोध फेसबुक की कर्मचारी ने किया था और इसे कंपनी के नियमों के खिलाफ माना था। इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग पर सवाल किए थे।

क्या कहा दिग्विजय सिंह ने?
दिग्विजय सिंह ने रविवार को ट्वीट कर कहा था, "मार्क जकरबर्ग प्लीज इस पर बात करें। प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक अंखी दास को फेसबुक में नियुक्त किया गया, जो खुशी-खुशी मुस्लिम विरोधी पोस्ट को सोशल मीडिया पर अप्रूव करता है। आपने साबित कर दिया कि आप जो उपदेश देते हैं उसका पालन नहीं करते।" मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी फेसबुक को इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद घेरा है। माकपा ने कहा कि क्या फेसबुक ने बीजेपी के साथ मिलकर नफरत को फैलाया है और चुनावी मुद्दों पर पक्षपात किया है? 

क्या है पूरा मामला
ये विवाद वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट से शुरू हुआ। रिपोर्ट में कहा गया, बीजेपी के नेता टी. राजा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमानों को गोली मार देनी चाहिए। मुस्लिमों को देशद्रोही बताया था और मस्जिद गिराने की भी धमकी दी थी। इसका विरोध फेसबुक की कर्मचारी ने किया था और इसे कंपनी के नियमों के खिलाफ माना था। हालांकि, कंपनी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।

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