कांग्रेस की चेतावनी के बाद भी अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठे पायलट काअनशन खत्म, कहा- अब मैं उम्मीद करता हूं,कार्रवाई होगी

वसुंधरा का बहाना, गहलोत पर निशाना  कांग्रेस की चेतावनी के बाद भी अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठे पायलट काअनशन खत्म, कहा- अब मैं उम्मीद करता हूं,कार्रवाई होगी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-11 06:54 GMT
कांग्रेस की चेतावनी के बाद भी अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठे पायलट काअनशन खत्म, कहा- अब मैं उम्मीद करता हूं,कार्रवाई होगी

डिजिटल डेस्क,जयपुर। अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके सचिन पायलट का अनशन भले ही खत्म हो गया है। लेकिन वह वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित घोटालों की जांच के मामले में आगे भी लड़ते रहेंगे। सुबह 11 बजे से 4 बजे तक शहीद स्मारक में चले अनशन के बाद पायलट ने साफ कर दिया कि इस मामले में वह गहलोत सरकार के खिलाफ खड़े रहेंगे। 

अनशन के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि मेरे द्वारा सीएम को दो बार पत्र लिखने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। विपक्ष में रहते हुए हमने पिछली वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ आंदोलन किया था। आगे पायलट ने कहा कि चार साल में कार्रवाई की उम्मीद थी, लेकिन नहीं हुई। लेकिन अब मैं उम्मीद करता हूं, कार्रवाई होगी।  

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को पायलट जयपुर के शहीद स्मारक में अनशन पर बैठ गए हैं। सचिन पायलट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटाला की जांच की मांग को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे हैं। 


पायलट ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर घोटालों का आरोप लगाते हुए वर्तमान सीएम अशोक गहलोत के पुराने वीडियो को दिखाते हुए पूछा है कि इन मामलों की जांच अब तक क्यों नहीं की गई। पायलट ने कहा की वसुंधरा सरकार के खिलाफ सबूत थे लेकिन कार्यवाई क्यों नहीं की गई।  

 

सचिन पायलट को कांग्रेस ने गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर न बैठने की चेतावनी दी थी। लेकिन इसके बावजूद पायलट अनशन पर बैठ गए। बता दें सोमवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया था कि इस तरह की किसी भी गतिविधि को पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा। 
 

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, ''कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है. पायलट को पहले हमसे बात करनी चाहिए थी, इस पर मैं सीएम गहलोत से बात करता और उसके बाद अगर एक्शन नहीं लिया जाता, तब उनको अनशन करने का हक था. पायलट ने पार्टी में मुद्दे रखने के बजाय सीधे अनशन का रास्ता चुना, जो कि सही नहीं है.'' 

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