गांव की सरकार से संसद तक राजनीति में आदिवासी युवाओं की हिस्सेदारी: जयस
मध्यप्रदेश गांव की सरकार से संसद तक राजनीति में आदिवासी युवाओं की हिस्सेदारी: जयस
- जनजागरूक अभियान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। गांव की सरकार से संसद तक राजनीति में आदिवासी युवाओं की हिस्सेदारी एवं जयस मिशन युवा नेतृत्व” के लिए 31 जुलाई 2022 को भोपाल के मानस भवन सभागृह में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन की प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्रों से जयस संगठन के निर्वाचित सरपंच, जिला जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य एवं अन्य जयस कार्यकर्ता शामिल हुए। यह कार्यक्रम जयस संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक व मनावर विधायक डॉ. हिरालाल अलावा के नेतृत्व में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 एवं लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति तैयार की गई। इसके तहत मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को ध्यान में रखकर अभी से विधानसभा स्तर पर उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करना, चुनाव की रणनीति तैयार करना, बूथ स्तर की कमिटियां गठित करना, सभी पंचायतों में जयस युवाओं द्वारा सामाजिक, राजनीतिक एवं संवैधानिक जनजागरूकता फैलाना, पंचायत स्तर की चुनावी टीम गठित करना तय किया गया।
कार्यक्रम में यह भी तय किया गया कि मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या बाहुल्य प्रदेश है जिसमें अलग-अलग आदिवासी समुदाय अपनी विशेष संस्कृति, अनूठी परंपराओं एवं रीति-रिवाजों के लिए अपनी एक अलग संवैधानिक पहचान रखते हैं, जिसे संरक्षित करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिसंबर 1994 में प्रतिवर्ष 9 अगस्त को ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। पिछले कई वर्षों से देश के कई राज्यों में आदिवासी समाज 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में वृहद स्तर पर हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाते आ रहा है। अतः आगामी 9 अगस्त 2022 विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करवाने एवं प्रदेश के करोड़ों आदिवासियों की जनभावनाओं का सम्मान के लिए जल्द ही हर जिले में महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।
साथ ही कार्यक्रम में यह भी निर्णय लिया गया कि संविधान की पांचवीं अनुसूची की अधिसूचना जारी कर 89 ट्राइबल ब्लाकों में पांचवीं अनुसूची का अनुपालन कराने के लिए राजनीतिक दबाव तैयार करना, वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत सभी आदिवासियों/वननिवासियों को वनाधिकार भूमि के पट्टे दिलाना, पेसा अधिनियम एवं संविधान में आदिवासी समुदाय के हित के लिए दिए गए अन्य प्रावधानों को जल्द से जल्द लागू कराने के लिए प्रत्येक विकासखंड से राजधानी स्तर पैदल मार्च कर जनजागरूक अभियान चलाया जाएगा।
इसके अलावा कार्यक्रम में यह भी तय किया गया कि प्रदेश निम्नलिखित ज्वलंत मुद्दों पर भी अभियान चलाया जाएगा–
1. प्रदेश के सभी जिलों में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन सदस्यता अभियान चलाएगा, जिसमें 25 लाख नए सदस्य बनाए जाने की योजना पर कार्य किया जाएगा।
2. विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त के मौके पर सभी गांवों में धूमधाम से आदिवासी दिवस मनाया जाएगा।
3. बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने एवं बैकलॉग पदों को शीघ्र भरने के लिए भी प्रदेशस्तर पर वृहद अभियान चलाया जाएगा।
4. सभी जिलों में जयस संगठन की एक अलग अनुशासनात्मक समित गठित की जाएगी, जिसका उद्देश्य जयस संगठन में अनुशासन कायम कर एकजुटता बनाना, विवाद की स्थिति का निपटारा करना, जयस विचारधारा के तहत काम करना एवं हमारे क्रांतिकारियों एवं महान जननायकों के इतिहास, शिक्षा तथा उनके संघर्ष के बारे में जागरूकता फैलाया जाएगा।
5. टंट्या भील के जन्मस्थली पातालपानी को टंट्या भील के नाम से करवाना एवं टंट्या मामा की देश की सबसे बड़ी स्टैच्यू स्थापित करवाना।
6. मिशन युवा नेतृत्व के तहत सभी पंचायतों में जयस समितियां गठित कर गांव की सरकार से लेकर संसद तक राजनीति में आदिवासी युवाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित किया जाएगा एवं पारंपरिक ग्राम सभाओं को सशक्त करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
7. प्रदेश में आदिवासी भाई-बहनों के साथ हो रहे अत्याचार, शोषण, हत्या, मारपीट के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही करने एवं आदिवासी भाई-बहनों को न्याय दिलाने के लिए वृहद राजनीतिक/समाजिक दबाव बनाना।
8. पर्यावरण को बचाने एवं अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
9. संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
10. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कोचिंग एवं स्कूल खोले जाएंगे, स्वास्थ्य, पलायन एवं शराबबंदी जैसे मुद्दे पर अभियान चलाया जाएगा।