नीतीश ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने की मांग की
बिहार नीतीश ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने की मांग की
- आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में आरक्षण को लेकर राजनीति बराबर चलते रहती है। इस बीच, मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने की मांग की है।
पटना में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 15 वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के आरक्षण को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि 10 प्रतिशत का आरक्षण पहले से ही हो गया था। हमलोगों ने भी कहा था और अब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है तो ठीक ही है।
उन्होंने हालांकि आगे कहा कि अब एक बार जाति आधारित जनगणना ठीक से हो जाए। 50 प्रतिशत आरक्षण का जो लिमिटेशन है उसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को हमलोग उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण देते हैं लेकिन बाकी ओबीसी और ईबीसी को आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं मिल पाता है।
उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत का जो आरक्षण दिया गया है बहुत अच्छा है, लेकिन जो 50 प्रतिशत का लिमिटेशन है इसको बढ़ना चाहिए, ये अच्छी बात होगी। उसके लिए जरूरी है कि पूरे देश के लोगों का आकलन होना चाहिए ताकि किसकी क्या आबादी है इसका पता चल सके और उसको देखते हुए मदद दी जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमलोग बिहार में जाति आधारित गणना करा रहे हैं, इससे सभी लोगों की आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा चाहे वो किसी भी धर्म, जाति के हों। हमलोगों ने सोच लिया कि सबकी आर्थिक स्थिति को भी देख लें चाहे वह किसी भी जाति या बिरादरी के हों, जिससे उनकी स्थिति सुधर सके। यह देश भर में भी होना चाहिए।
आईएएनएस
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