अडानी समूह पर लगे आरोपों के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अडानी के बीच दो घंटे चली मुलाकात! JPC से जांच की, विपक्ष की मांग पर सबसे अलग हैं पवार के सुर!
पवार के घर अडानी का' पावर प्ले'! अडानी समूह पर लगे आरोपों के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार और अडानी के बीच दो घंटे चली मुलाकात! JPC से जांच की, विपक्ष की मांग पर सबसे अलग हैं पवार के सुर!
डिजिटल डेस्क, मुबंई। देश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ सकता है। क्योंकि हाल ही में अडानी मुद्दे को लेकर विपक्ष के नेता जिस तरह केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद नजर आए थे उस पर पानी फेरने का काम राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने बयानों के जरिए से कर दी थी। लेकिन अब इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।
दरअसल, जहां विपक्ष सताधारी सरकार से ज्वाइंट पॉलियार्मेंट्री कमेटी के गठन की मांग कर रहा है। वहीं विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे शरद पवार से बिजनेस मैन गौतम अडानी ने आज यानी 20 अप्रैल को मुलाकात की। यह मुलाकात शरद पवार के मुंबई स्थित सिल्वर ओक आवास पर हुई है। बताया जा रहा है कि, शरद और गौतम में करीब दो घंटों से अधिक बताचीत चली है। हालांकि, अडानी और शरद पवार के बीच क्या बात हुई ये अभी किसी को पता नहीं चला है।
अडानी ग्रुप पर क्या लगे हैं आरोप?
आपको बता दें कि, हाल ही में अडानी ग्रुप की कंपनियों को लेकर अमेरिका की फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें दावा किया था कि, अडानी समूह की कंपनी अपने शेयरधारकों के साथ छल कर रही है। हजारों करोड़ों रूपये का घोटाला अब तक कर चुकी है। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई थी जिसका सिलसिला अभी भी जारी है। इस रिपोर्ट की वजह से अडानी अर्श से फर्श तक आ गए हैं।
जेपीसी के खिलाफ शरद पवार
इसी मामले को लेकर विपक्ष ने केंद्र की सरकार से बजट सत्र के दौरान जेपीसी से जांच कराने की मांग की थी ताकि अडानी की कंपनियों के सच्चाई बाहर आ सके। सत्र के दौरान विपक्ष अपनी पूरी जोर आजमाइश कर चुका है लेकिन उसका कोई बेहतर परिणाम नहीं आया। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए शरद पवार ने कहा था कि, जेपीसी की मांग करना गलत है क्योंकि इस जांच में केंद्र सरकार के 21 में से 15 सदस्य होंगे और विपक्ष के नेता गुने चुने, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है। पवार ने आगे कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है वहीं जांच करने के लिए उचित है इसलिए विपक्ष खासकर के कांग्रेस को हल्ला नहीं करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच जारी
आपको बता दें कि, विपक्ष के हंगामे की वजह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी जा पहुंचा था। जिसमें कोर्ट ने एक स्वतंत्र कमेटी बनाकर जांच करने का आदेश पहले ही कर चुका है। लेकिन फिर भी विपक्षी दल जेपीसी से जांच कराने की जिद्द पर आड़े हुए थे। वहीं शीर्ष अदालत ने सेबी से भी जांच करने के लिए कहा है और निर्देश दिया है कि वो अपना रिपोर्ट अदालत में दो महीने के अंदर सौंपे।
शरद पवार ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए थे सवाल
अडानी और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर हाल ही में शरद पवार ने एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था, ''इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था। लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है। वैसे भी जो रिपोर्ट आई, उसमें दिए बयान किसने दिए, उसका क्या बैकग्राउंड है। जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था।''
शरद के बयान पर कांग्रेस ने क्या कहा?
शरद पवार के इस बयान पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि, शरद पवार क्या कहते हैं या क्या नहीं लेकिन हम सारे विपक्षी दल एकजुट हैं किसी एक के निकल जाने से हमारी एकजुटता में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आएगी। रहा शरद जी का सवाल तो वो भी हमारे साथ ही हैं और सभी विपक्षी दल लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं अब गौतम अडानी का शरद पवार से मिलना विपक्षी दलों खासकर के कांग्रेस को कितना रास आता है यह देखना दिलचस्प होगा।