मैनपुरी उपचुनाव बना सियासी अखाड़ा, सपा ने झोंकी पूरी ताकत, मंच पर साथ दिखे चाचा-भतीजे, शिवपाल का दावा-रिकॉर्डतोड़ मतों से जीतेंगी डिंपल

उपचुनाव- 2022 मैनपुरी उपचुनाव बना सियासी अखाड़ा, सपा ने झोंकी पूरी ताकत, मंच पर साथ दिखे चाचा-भतीजे, शिवपाल का दावा-रिकॉर्डतोड़ मतों से जीतेंगी डिंपल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-20 10:29 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर अगले महीने उपचुनाव होने वाला है। इसी को देखते हुए समाजवादी पार्टी व बीजेपी सियासी अखाड़े में पूरी ताकत के साथ दम दिखा रही हैं। लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि एक बार फिर अखिलेश यादव व चाचा शिवपाल यादव के बीच नजदीकी देखी जा रही है। रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान चाचा-भतीजे मंच पर साथ-साथ दिखे। यहां तक अखिलेश ने चाचा शिवपाल के पैर भी छुए और उन्होंने खुशी मन से अखिलेश को आशीर्वाद भी दिया। इससे स्पष्ट है कि यहां अखिलेश की ओर से ये संदेश देने का काम किया जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच चल रहे आपसी मनमुटाव खत्म हो चुके हैं। सत्तारूढ़ पार्टी चाचा के मुद्दे को लेकर अक्सर सपा अध्यक्ष अखिलेश को घेरती रही है। ऐसे में सपा मैनपुरी उपचुनाव के दौरान अब बीजेपी को कोई भी मौका देना नहीं चाहेगी। जिससे उसे सियासी नुकसान उठाना पड़े।

शिवपाल का हुआ हृदय परिवर्तन

लंबे समय से चाचा व भतीजे के बीच जारी सियासी घमासान के बीच एक साथ मंच पर दिखना अपने आप में बड़ी बात है। क्योंकि मुलायम सिंह के निधन के बाद भी शिवपाल के बयान ऐसे आए थे जिससे कयास लगाया जा रहा था कि शिवपाल चुनाव प्रचार से दूरी बना सकते हैं। शिवपाल यादव डिंपल यादव के नामांकन में भी शामिल नहीं हुए थे। अब अचानक शिवपाल का हृदय परिवर्तन होना सपा के लिए अच्छी खबर है। वैसे अखिलेश यादव व शिवपाल के बीच भले ही अनबन रहा हो लेकिन भाई मुलायम सिंह यादव को शिवपाल कभी छोड़ नहीं पाए। ऐसे में मुलायम के कर्मभूमि मैनपुरी को बचाना उन्होंने अपना कर्तव्य ही समझा। माना जा रहा है कि अगर सपा से ये सीट बीजेपी छीन लेती है तो सैफई परिवार की बड़ी फजीहत होगी। इस वजह से यह सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा बन चुकी है। मुलायम के निधन के बाद से सैफई परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा में नहीं बचा। अब अखिलेश ने डिंपल यादव को पिता की राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी दी है। शिवपाल यादव भी बहु डिंपल को भारी मतों से जीत दिलाने के लिए धुआंधार चुनावी प्रचार में जुट चुके हैं।

शिवपाल यादव सारे शिके-गिलवे भुलाकर बहु डिंपल के लिए चुनाव प्रचार में कूद पड़े हैं। शिवपाल के साथ बेटे आदित्य भी भाभी डिंपल को जिताने के लिए चुनावी मैदान में खूब पसीना बहा रहे हैं और लोगों से डिंपल को भारी मतों से जिताने की अपील भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज मंच पर लोगों को संबोधित करते हुए शिवपाल नेताजी मुलायम सिंह को याद करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि विधानसभा का रिकॉर्ड तोड़कर डिंपल यादव की बड़ी जीत करवानी है। शिवपाल यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा और कहा कि उनके नेता व विधायक भ्रष्ट हैं। 

चाचा भतीजे में नहीं थीं दूरियां

अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान मंच पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोग कहते थे कि चाचा व भतीजे के बीच बहुत दूरियां हैं। आपको बता दूं कि चाचा व भतीजे में दूरियां कभी नहीं थी बल्कि राजनीतिक दूरियां थीं। खुशी की बात यह है कि अब राजनीतिक दूरियां भी खत्म हो गई है। इस दौरान अखिलेश बीजेपी पर भी हमलावर दिखे, उन्होंने कहा कि बीजेपी साजिश करती है।

आगे उन्होंने कहा कि जिसकी दवाई न तो हकीम को पता हो और न ही किसी वैध को व अस्पतालों में भी उपलब्ध न हो, परिवार अगर दूर हो तो बोलते हैं कि झगड़ा हो गया और परिवार अगर एक हो तो बोलते हैं परिवारवादी पार्टी। यह तकलीफ बीजेपी को रहेगी, खत्म नहीं होगी। यह लोग हमेश कमियां ही ढूंढते हैं। उन्होंने पिता मुलायम सिंह को याद करते हुए कहा कि आत्मा कभी भी खत्म नहीं होती है, वह जहां भी होंगे देख रहे होंगे कि परिवार एकजुट है। अखिलेश ने कहा कि ये तो शुरूआत है, आने वाले समय में देखना होगा कि परिणाम कितना बड़ा होने जा रहा है। 

क्या कहता है जातीय समीकरण?

 

 

मैनपुरी सीट पर सपा की दावेदारी हमेशा इसलिए भी मजबूत है क्योंकि इस सीट पर सपा के हिसाब से जातीय समीकरण फिट बैठता है। जिसके सामने अन्य विपक्षी दलों का समीकरण धरा रह जाता है। इस सीट पर यादवों और मुस्लिमों का एकतरफा वोट सपा को मिलता है। इसके अलावा भी अन्य जातियों का वोट भी सपा की झोली में जाता रहा है, जिस वजह से आसानी से जीत मिलती रही है।

 

 

 

 

 

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