दोनों पक्षों से मांगा सुप्रीम कोर्ट ने जवाब, अगली सुनवाई 1 अगस्त को
शिंदे सरकार की सुप्रीम परीक्षा दोनों पक्षों से मांगा सुप्रीम कोर्ट ने जवाब, अगली सुनवाई 1 अगस्त को
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी संकट पर आज (20 जुलाई, बुधवार) सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी। तब तक अयोग्यता पर कार्यवाही नहीं होगी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच द्वारा की गई।
#UPDATE | Supreme Court posts for hearing on August 1 the pleas relating to #MaharashtraPoliticalCrisis grants time to Maharashtra CM Eknath Shinde-led camp to file an affidavit on the pleas filed by Shiv Sena chief Uddhav Thackeray-led faction.
— ANI (@ANI) July 20, 2022
दोनों पक्षों के वकलों की दलील
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने उद्धव ठाकरे का पक्ष रखते हुए कहा कि,
अगर इस तरह चुनी हुई सरकार पलटी गई तो लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि, इसकी इजाजत दी गई तो देश में किसी भी सरकार को गिराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, राज्यपाल ने शिंदे को शपथ दिलाई जबकि वो जानते थे कि उनकी अयोग्यता का मामला अभी स्पीकर के समक्ष लंबित है। सिब्बल ने कहा कि, ये पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया गया है। ये कानूनों का उल्लंघन है।
वहीं शिवसेना के एकनाथ शिंदे के लिए पैरवी कर रहे हरीश साल्वे ने कहा कि, राज्यपाल को इस मामले में पक्ष बनाया गया है। उनको लेकर शब्दों का चयन याचिकाकार्य को सही तरीके से करना होगा। उन्होंने कहा कि, अयोग्यता का नियम शिंदे मामले में लागू नहीं होता क्योंकि अगर किसी पार्टी में दो धड़े होते हैं और जिसके पास ज्यादा संख्या होती है, वो कहता है कि मैं अब लीडर हूं और स्पीकर मानता है तो ये अयोग्यता में कैसे आएगा?
बड़ी बेंच के गठन की आवश्यकता
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले में पांच जजों के संविधान पीठ का गठन करने का इशारा भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कई संवैधानिक मुद्दे हैं। जिन पर बड़ी बेंच के गठन की जरूरत है।
आपको बता दें कि, महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से सियासी उठा पटक जारी है। मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के करीब 40 विधायकों की बगावत के बाद राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पार्टी से बगावत करने वालों हो कार्रवाई की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की तरफ से कई याचिकाएं भी दाखिल की गईं।