झारखंड विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने डोमिसाइल के मुद्दे पर सरकार को घेरा
बजट सत्र झारखंड विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने डोमिसाइल के मुद्दे पर सरकार को घेरा
- पिछड़ों के आरक्षण पर सदन के बाहर-भीतर हंगामा
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड विधानसभा में गुरुवार को बजट पेश किये जाने के पूर्व सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के धरने-प्रदर्शन की वजह से अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। झारखंड मुक्ति मोर्चाऔर कांग्रेस के विधायकों ने राज्य में अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर डोमिसाइल की नीति तय करने की मांग को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा। दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी भाजपा के विधायकों ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने और पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर सदन के बाहर-भीतर हंगामा किया।
गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले झामुमो के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम, दीपक बिरुआ, सुखराव उरांव, रामदास सोरेन, कांग्रेस विधायक विक्सल कोंगाड़ी सहित कई अन्य विधायक एक निश्चित समय सीमा के भीतर स्थानीय नीति बनाने की मांग को लेकर सदन के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गये। उन्होंने अपनी मांग से संबंधित नारे लिखी टी-शर्ट पहन रखी थी। विधायकों ने नारेबाजी भी की। वरिष्ठ विधायक लोबिन हेम्ब्रेम ने कहा कि सरकार को हर हाल में जमीन के अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति तय करनी होगी। हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे का एक निश्चित समय सीमा के अंदर समाधान चाहते हैं। हमारी पार्टी ने चुनाव के पहले जनता से वादा किया था कि 1932 के खतियान (जमीन सर्वे का दस्तावेज) के आधार पर झारखंड में स्थानीयता की नीति तय करेंगे। अब यह वादा पूरा करने का समय आ गया है।
दूसरी ओर इसी वक्त भाजपा विधायकों ने भी धरना दिया और नारेबाजी की। उन्होंने राज्य में मॉबलिंचिंग की घटनाओं में सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया।भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा की इस सरकार में कोई काम नहीं हो रहा है। सरकार के इशारे पर राज्य के खनिजों को लूटा जा रहा है। नौकरी नहीं देनी है इसलिए भाषा विवाद को खड़ा किया गया है। अब तो स्थिति यह है कि अपनी ही सरकार के खिलाफ सत्ता पक्ष के लोग भी धरना दे रहे हैं।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा के विधायक राज्य में होनेवाले पंचायत चुनाव के पहले ओबीसी आरक्षण तय करने की मांग करने लगे। विधायकों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की। विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि पंचायत चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण समाप्त कर दिया गया है। यह ठीक नहीं है। स्पीकर रबींद्र नाथ महतो के आग्रह के बाद सभी अपनी सीट पर जाकर बैठे। इधर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस सरकार ने स्थानीयता के मुद्दे राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। अब तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक ही सरकार का विरोध कर रहे हैं। एक दिन ऐसा आएगा जब झामुमो के विधायक ही मुख्यमंत्री को अकेले छोड़ देंगे।
(आईएएनएस)