मेघालय में 5 टीएमसी विधायकों के पार्टी छोड़ने की अटकलों के बाद पूर्व सीएम मुकुल संगमा को कोलकाता तलब किया गया
मेघालय मेघालय में 5 टीएमसी विधायकों के पार्टी छोड़ने की अटकलों के बाद पूर्व सीएम मुकुल संगमा को कोलकाता तलब किया गया
- पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इससे बचने के लिए बेताब है।
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। मेघालय में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच विधायकों के यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) में शामिल होने की अटकलों के बीच टीएमसी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मेघालय पार्टी के अध्यक्ष चार्ल्स पनग्रोप और मेघालय विधानसभा में टीएमसी के विधायक दल के नेता मुकुल संगमा को कोलकाता बुलाया है।
मेघालय में टीएमसी के पांच विधायकों के बारे में अफवाहें पार्टी के लिए एक बड़ी शमिर्ंदगी के रूप में सामने आई हैं, खासकर तब, जब अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को गुवाहाटी में एक जनसभा में दावा किया था कि उनकी पार्टी एक साल के भीतर मेघालय में सरकार बनाएगी।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांच विधायक- शीतलांग पाले, जिमी डी. संगमा, हिमालय शांगप्लियांग, मार्थन संगमा और गेरोगे बी. लिंगदोह टीएमसी छोड़ने वाले हैं।इस राजनीतिक घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि हालांकि कोलकाता में आपात बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है, मगर यह जल्द ही होगी।
नवंबर 2021 में, मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकुल संगमा और मेघालय में कांग्रेस के 17 विधायकों में से 11 अन्य टीएमसी में शामिल हो गए थे।नतीजतन, टीएमसी पूर्वोत्तर राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बन गई।टीएमसी के एक सूत्र ने कह कि हालांकि, तब से छह महीने बीत चुके हैं, टीएमसी के पांच विधायकों के पार्टी छोड़ने की कथित खबरों ने पार्टी नेतृत्व को परेशान कर दिया है।
तृणमूल सूत्र ने कहा, वास्तव में, 11 मई को उनकी गुवाहाटी यात्रा से पहले, हमारे राष्ट्रीय महासचिव को 3 मई को मेघालय का दौरा करना था। हालांकि, उस समय पार्टी नेतृत्व को रिपोर्ट मिली कि मेघालय में पार्टी के कई पदाधिकारी निष्क्रिय हो गए हैं। राष्ट्रीय महासचिव की अगली निर्धारित यात्रा से पहले चीजों को व्यवस्थित करने के लिए मेघालय नेतृत्व को एक पार्टी का आदेश भेजा गया था।
असम, मेघालय और त्रिपुरा टीएमसी नेतृत्व के लिए पूर्वोत्तर में पार्टी के संगठनात्मक नेटवर्क को फैलाने के लिए ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।हालांकि, अगर मेघालय में असंतोष बढ़ता है तो पूर्वोत्तर भारत में टीएमसी की विस्तार योजना को एक बड़ा झटका लगेगा और इसलिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इससे बचने के लिए बेताब है।
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