राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान, 18 जुलाई को होगा मतदान, 21 को आएंगे नतीजे
नई दिल्ली राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान, 18 जुलाई को होगा मतदान, 21 को आएंगे नतीजे
- आज बज जाएगा राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को होगा मतदान, 21 को आएंगे नतीजे , देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। इसके लिए 15 जून को अधिसूचना जारी होगी , नामांकन 29 जून से शुरू होगा।
भारतीय निर्वाचन आयोग ने आज दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राष्ट्रपति चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ देश के राष्ट्रपति चुनाव का बिगुल बज गया। ईसी की तरफ से थोड़ी देर पहले ही चुनाव से संबंधित तारीख और पूरे कार्यक्रम की डिटेल जानकारी दी गई। आपको बता दें 24 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इससे पहले चुनाव आयोग को चुनावी पूर्व निर्वाचन प्रक्रिया पूरी कराना है और देश में नया राष्ट्रपति निर्वाचित कराना है। इसी सिलसिले में ईसी ने आज दोपहर तीन बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
राष्ट्रपति चुनाव में कौन कौन करता है मदतान
भारत में निर्वाचक मंडल राष्ट्रपति का चुनाव करता है। इसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य मतदान करते है। इसमें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य और विधानपरिषद सदस्य वोट नहीं डालते।
543 सदस्यों वाली लोकसभा में भी 540 सांसद हैं। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सभी खाली सीटों पर उपचुनाव होना है , जिनमें लोकसभा की तीन सीटों और खाली हुई कुछ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है। जाएंगे। इनमें निर्वाचित सदस्य भी राष्ट्रपति के निर्वाचन में अपने अपने मत का इस्तेमाल करेंगे।
आपको बता दें साल 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 जुलाई को सांसद और विधायक जनप्रतिनिधियों ने वोट डाले और 20 जुलाई को मतगणना हुई। पिछली बार भी एनडीए संगठन ने ही राष्ट्रपति चुनाव जीता था। तब एनडीए को तमाम क्षेत्रीय दलों का सहयोग मिला था। जिसे अबकी बार थोड़ा कम होना नजर आ रहा है। हालांकि अभी भी एनडीए संगठन की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के पास लोकसभा में तो प्रर्याप्त बहुमत वोटर है लेकिन राज्यसभा और विधानसभा सदस्यों को उसके स्थानीय पार्टियों का सहयोग लेना पडेगा। जिसकी तस्वीर अगले कुछ दिनों में होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद साफ होगी। इसके पीछे की वजह जुलाई में उच्च सदन के 57 सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो रही है। जिन पर चुनाव जारी है।