द्रविड़ सिद्धांतों की आलोचना को लेकर डीएमके ने तमिलनाडु गवर्नर पर साधा निशाना

तमिलनाडु द्रविड़ सिद्धांतों की आलोचना को लेकर डीएमके ने तमिलनाडु गवर्नर पर साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-05 12:00 GMT
द्रविड़ सिद्धांतों की आलोचना को लेकर डीएमके ने तमिलनाडु गवर्नर पर साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। द्रविड़ सिद्धांतों की कथित आलोचना के खिलाफ डीएमके ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और जमकर निशाना साधा है। पार्टी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री टी.आर. बालू ने कड़े शब्दों में कहा, तमिलनाडु भाजपा के पास पहले से ही एक प्रदेश अध्यक्ष है और राज्यपाल को राज्यपाल के पद पर रहते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की तरह काम करना बंद करना चाहिए।

द्रमुक नेता ने राज्यपाल द्वारा तमिलों पर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि उनके (आर.एन.रवि) के लिए बेहतर होगा कि वह तमिलों के खिलाफ विचार व्यक्त करना बंद करें और संविधान के अनुसार कार्य करें। बालू ने गुरुवार को बयान में कहा, राज्यपाल अपने हर कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म, आर्यन, द्रविड़ियन, तिरुकुरल और औपनिवेशिक शासन पर बेतुके बयान दे रहे हैं।

डीएमके के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्यपाल ने दलितों और डॉ. अंबेडकर के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। बालू ने कहा कि आर.एन.रवि का विचार राज्य को वर्णाश्रम के युग में वापस ले जाना है और कहा कि सूक्ष्म स्तर पर वर्णाश्रम की राजनीति के बारे में बोलकर, राज्यपाल एक निर्वाचित राजनेता की तरह काम कर रहे थे।

बालू ने कहा कि राज्य का सकल घरेलू उत्पाद राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 9.22 प्रतिशत है और द्रविड़ मॉडल सभी वर्गों के लोगों के समग्र विकास को ध्यान में रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि द्रविड़ शब्द भेदभाव को खत्म करने के लिए था और यह आर्यन शब्द था जिसने जन्म, जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव का उपदेश दिया और महिलाओं को घर के एक कोने तक सीमित कर दिया।

डीएमके के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि आरएन रवि राजभवन से वो बातें बोल रहे हैं जो उन्हें बीजेपी मुख्यालय कमलालयम से बोलनी चाहिए थी। राज्यपाल को तमिलनाडु, तमिल पसंद नहीं हैं और वह वर्णाश्रम और सनातन धर्म को उच्च सम्मान देते हैं।

 

 (आईएएनएस)

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