महाराष्ट्र सियासत में सुगबुगाहट हुई तेज, एनसीपी प्रमुख पवार ने पीएम मोदी से की मुलाकात
महाराष्ट्र महाराष्ट्र सियासत में सुगबुगाहट हुई तेज, एनसीपी प्रमुख पवार ने पीएम मोदी से की मुलाकात
- मध्यप्रदेश की राह पर महाराष्ट्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज बुधवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात को औपचारिक मुलाकात बताया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मोदी पवार की ये मुलाकात करीब आधे घंटे चली।
दिल्ली येथे @NCPspeaks चे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय खा.शरदचंद्रजी पवार (@PawarSpeaks) साहेबांच्या निवासस्थानी आयोजित केलेल्या चहापान आणि स्नेहभोजनाच्या कार्यक्रम निमित्ताने आज उपस्थित राहिलो.
— Shriniwas Patil (@ShriPatilKarad) April 5, 2022
याप्रसंगी केंद्रीय रस्ते वाहतूक मंत्री मा.नितीनजी गडकरी (@nitin_gadkari), pic.twitter.com/wVPLg9JIRt
एनसीपी नेता शरद पवार के दिल्ली आवास पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ गठबंधित एमवीए सरकार के नेताओं का साथ हुए रात्रिभोज से महाराष्ट्र सियासत में एक बार फिर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। गडकरी के सक्रिय होने के साथ शुरू हुई अटकलें अब और तेज होने लगी हैं। जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। आपको बता दें दिल्ली में हुए इस रात्रिभोज में कांग्रेस विधायकों के साथ शिवसेना नेता संजय राउत भी शामिल हुए थे। महाविकसा अघाड़ी सरकार में जारी तकरार के बीच भाजपा महाराष्ट्र में एक्टिव हैं। दो साल पहले अपनी पुरानी साथी शिवसेना का साथ छोड़ जाने से चिंतित भाजपा की चिंता तब से और बढ़ गई जब शिवसेना ने अपनी विरोधी पार्टियों के साथ आकर गठबंधन सरकार बना ली।
आपको बता दें कुछ दिन पहले कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पार्टी के मंत्रियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। जिससे नाराज होकर निर्वाचित विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की। ऐसे में यदि ये नाराजगी और बढ़ती है तो आने वाले समय में ये देखने को मिल सकता है कि उपेक्षित नेता बगावत कर जाए। तब मध्यप्रदेश की तर्ज पर बीजेपी एमवीए सरकार से रूष्ट नेताओं को अपने पाले में लाने के लिए बिल्कुल देरी नहीं करेगी।
चिंतित बीजेपी की एमवीए सरकार की तकरार पर नजर
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी के उन नेताओं पर बीजेपी टकटकी निगाहें जमाकर बैठी है जो शिवसेना नेतृत्व में सहयोगी सरकार से नाराज चल रहे हैं। वहीं केंद्र की सरकारी एजेंसियों के शिकंजे में फंसे उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री नवाब मलिक तिलमिला रहे है। साथ ही अब शिवसेना सांसद संजय राउत की भी संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। और आने वाले समय में उनकी मुश्किल और बढ़ सकती हैं।
हालांकि पहली बार चुने गए विधायक प्रशिक्षण लेने के लिए दिल्ली पहुंचे, ये प्रशिक्षण 5 और 6 अप्रैल को है। प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए पहुंचे विधायकों को अलग अलग जगह चाय, नाश्ता और भोजन आमंत्रण पर बुलाया जा रहा है। शिवसेना और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इन मुलाकातों और भोज को सौजन्य भेंट बता रहे है। वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ इन मुलाकातों को सियासत से जोड़ देख रहे हैं। आपको बता दें इससे पहले मंगलवार शाम को राज्यसभा सदस्य राउत ने अपने निवास पर विधायकों को चाय पर बुलाया वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि हमने भी रात्रिभोज रखा। ये सब मात्र सौजन्य भेंट है।
राज की ताल गडकरी की सक्रियता, सरकार में तकरार सियासी समीकरण के नए संकेत
आपको बता दें महाराष्ट्र में गडकरी की बढ़ती सक्रियता और सियासी ताल ठोंकने के लिए तैयार बैठे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना "मनसे" के प्रमुख राज ठाकरे की सक्रियता और सरकार में तकरार से पनपे हालातों से लग रहा है कि भाजपा महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण बनाने की फिराक में हैं।