गुजरात चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की बढ़ी मुश्किलें! हजारों वोटर्स ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, जानें वजह
गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 गुजरात चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की बढ़ी मुश्किलें! हजारों वोटर्स ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, जानें वजह
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर के पहले हफ्ते में दो चरणों में होगा। पहले चरण का मतदान एक दिसंबर व दूसरे चरण का मतदान 5 दिसंबर होना तय है। जबकि 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसी बीच गुजरात के नवसारी जिले के करीब 19 गांव के लोगों ने चुनाव से बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
गांव में जगह-जगह ट्रेन नहीं तो वोट नहीं के पोस्टर दीवार पर चिपके हुए दिख रहे हैं। हालांकि, चुनाव से पहले वोटर्स के पास ये मौका रहता है कि इस तरह विरोध जताकर अपनी मांगों को राजनेताओं के सामने रखकर, उन्हें मानने के लिए बाध्य कर सकते हैं क्योंकि चुनाव में एक-एक वोट का महत्व होता है। यहां तो 35 हजार से ज्यादा वोटर्स ने वोटिंग से दूरी बनाने के लिए मन बना लिया है।
इस वजह से चुनाव का हो रहा बहिष्कार
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की खबर हैरान करने वाली है। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वो इस बार चुनाव में मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे। बाकायदा, गांव में पोस्टर चिपका कर विरोध जताया जा रहा है। दरअसल, कोरोना काल के दौरान जब लॉकडाउन शुरू हुआ, उस वक्त अंचेली गांव के स्टेशन पर वेस्टर्न रेलवे ने करीब 16 ट्रेनों को ठहराव दिया हुआ था। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद अब 11 ट्रेनें ही ठहरती हैं। जिसकी वहज से अंचेली व आसपास के करीब 19 गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है।
गांव के लोगों का कहना है कि पहले लोग सूरतवापी समेत अन्य शहर में नौकरी के लिए जाते थे, तो उनका रेलयात्रा खर्च करीब 400 रुपए आता था लेकिन अब प्राइवेट गाड़ी से यात्रा करने की वजब से 3 हजार रूपए खर्च आते हैं। इस वजह से गांव वाले चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इस समस्या पर मौजूदा सांसद सी आर पाटिल, रेलमंत्री दर्शना जरदोस से बात करने के बावजूद भी सुनवाई नहीं हुई बल्कि समस्या वैसे ही बना हुआ है। अब चुनाव के दौरान ग्रामीणों को मौका मिल गया, जिसकी वजह से चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है।
इतने मतदाताओं ने किया बहिष्कार
आजतक न्यूज चैनल से बात करते वक्त अंचेली गांव के हितेश नायक ने बताया कि अंचेली व आसपास के 19 गांवों में करीब 35 हजार से ज्यादा वोटर्स हैं। जो आने वाले विधानसभा चुनाव में एक दिसंबर को मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि हमने ट्रेन नहीं तो वोट नहीं के साथ सभी राजनीतिक दलों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि बीजेपी उम्मीदवार वोट मांगने गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनसे खूब सवाल किए और हाथ जोड़कर उन्हें वापस लौटा दिया।
गरीब कैसे सफर करेगा बुलेट ट्रेन?
अंचेली गांव से साथ 19 गांव के लोग रोजगार से जुड़ें हैं। सभी नौकरी व अन्य कार्यों के लिए दैनिक ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। अब स्टेशन पर कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों के ठहराव न होने की वजह से लोगों को महंगे किराए पर प्राइवेट वाहन से सफर करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अंचेली से नजदीक केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर केशली गांव में 350 किलोमीटर की रफ्तार से गुजरने वाली बुलेट ट्रेन को स्टॉपेज दिया गया है। अब सवाल ये है कि इतनी महंगी ट्रेन गरीब लोगों की लाइफ लाइन बन पाएगी? ऐसे में चुनाव से ठीक पहले ग्रामीणों की इस नाराजगी को राजनीतिक दल कैसे दूर कर पाएंगे। ये तो अब वक्त बताएगा।