तीन बार से बदल रही है तारीख पर तारीख, दिल्ली को मेयर मिलना हो रहा है मुश्किल, जिद पर अड़ कर कहीं अपना नुकसान और बीजेपी को फायदा तो नहीं पहुंचा रहे केजरीवाल!
एमसीडी चुनाव तीन बार से बदल रही है तारीख पर तारीख, दिल्ली को मेयर मिलना हो रहा है मुश्किल, जिद पर अड़ कर कहीं अपना नुकसान और बीजेपी को फायदा तो नहीं पहुंचा रहे केजरीवाल!
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव हुए करीब दो महीने हो गए हैं। लेकिन अभी तक दिल्ली मेयर के चुनाव पर पेंच फंसा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के 15 सालों के साम्राज्य को ध्वस्त करते हुए आम आदमा पार्टी ने एमसीडी चुनाव में जीत तो हासिल की लेकिन सत्ता से अभी कोसों दूर नजर आ रही है। बीते एक महीने से दिल्ली नगर निगम के मेयर के लिए तीन बार वोटिंग कराने की कोशिश की गई, लेकिन सारा प्रयास विफल रहा। भाजपा और आप में भिड़त की वजह से अभी कोई रास्ता निकलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।
सुप्रीम कोर्ट जा सकती है आप?
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा 10 पार्षदों को मनोनित किया गया है। आम आदमी पार्टी चाहती है कि ये सारे पार्षद दिल्ली मेयर के वोटिंग प्रकिया में भाग ना लें। जबकि भाजपा इसे संविधान के खिलाफ बता रही है। जिसकी वजह से दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं। आप आज सुबह से ही दिल्ली भाजपा के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रही है। आप आरोप लगा रही है कि बीजेपी नहीं चाहती है कि आप का मेयर दिल्ली नगर निगम में हो। अब इस पूरे मामले पर अरविंद केजरीवाल की पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है। अगर आप शीर्ष अदालत जाती है तो दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव और लंबा खिंच सकता है। ऐसे में अब संभावना और बढ़ गई है कि एमसीडी का जो वित्तीय बजट 2023-24 है वो स्पेशल बजट ऑफिसर के पास जा सकता है। जिसे आप को एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
आप को क्या नुकसान?
बता दें कि, मेयर चुनाव होने तक स्पेशल ऑफिसर के पास ही एमसीडी के सारे कामकाज हैं। इस पूरे मामले पर दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि "आप इस पूरे मामले को अब कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है। हम इस मामले में निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। यदि कोई बात सामने नहीं आती है तो स्पेशल ऑफिसर नए बजट के साथ आगे बढ़ेंगे।" डीएमसी एक्ट के मुताबिक, इस वित्तीय काम को 15 फरवरी तक अंजाम देना होता है। एमसीडी के अधिकारी ने बताया कि, अभी मेयर के चुनाव नहीं हुए हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि स्पेशल ऑफिसर के देख रेख में ही 10 फरवरी तक बजट को मंजूरी मिल जाए। उन्होंने आगे कहा कि मेयर की उपस्थिति न हो तो स्पेशल ऑफिसर को यह अधिकार है कि वो बजट पेश करे। बता दें कि, 2023-24 के बजट के लिए बीते बुधवार को स्पेशल ऑफिसर के साथ चर्चा हो चुकी है। जिसमें बजट प्रस्ताव, अलग-अलग प्रॉजेक्ट्स के लिए फंड आवंटन और टैक्स स्लैब जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई थी।
तीन बार से नहीं मिला दिल्ली को अपना नया मेयर
एमसीडी चुनाव बीते साल दिसंबर के माह में हुए थे। 250 वार्डों वाली निगम में आप को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। भाजपा को 104 सीटें मिली थी। जबकि कांग्रेस के खाते में 9 सीटें और अन्य ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पहली बार मेयर चुनने के लिए 6 जनवरी को बैठक बुलाई गई थी। हालांकि हंगामा होने की वजह से स्थगित कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर 24 जनवरी को मेयर के चुनाव के लिए पार्षदों को बुलाया गया लेकिन फिर बात नहीं बनी। जिसके बाद 6 फरवरी को मेयर के लिए मतदान की तारीख मुकर्र की गई। लेकिन पिछले दो बार की तरह इस बार भी भाजपा और आप में जमकर नारेबाजी हुई और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। इसलिए एक बार फिर से दिल्ली मेयर के लिए वोटिंग रोकना पड़ी। दोनों पार्टियों के रस्साकशी के बीच दिल्लीवासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली में कचरा एक बड़ा मुद्दा रहा है। जिसको भुनाकर आप दिल्ली के निगम के चुनाव में बहुमत हासिल करने में सफल रही थी। हालांकि, आने वाले समय में भाजपा और आप में और तकरार बढ़ने की संभावना है।